थिएटर में मिली भाभी की चुदाई




नमस्कार दोस्तों मेरा नाम रोनित है, मेरी उम्र 25 साल है, मैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजिनियर हूँ ये एक साल पहले की है, एक दिन मैं दिल्ली में प्रिया हॉल में पिक्चर देखने गया था,




पिक्चर तो दोस्तो एक बहाना था ताकि मुझे वहाँ पर कोई शादीशुदा या कोई छोटी उम्र की लड़की मिल जाए जिसके साथ मैं खूब सेक्स करके मज़े ले पाऊँ दोस्तो,मैं सेक्स के लिए बहुत ही पागल हूँ,




मैं पिक्चर हाल में जैसे ही गुसा तो देखा कि एक 30-32 साल की औरत सामने खड़ी थी, वह अपने 4-5 साल के बेटे के साथ पिक्चर देखने आई थी हम दोनों की आँख से आँख मिली फिर उसने अपना चेहरा मोड़ लिया,






उसे देख कर मेरा उसे चोदने का मन हो गया था, क्या माल थी वो काली साड़ी, गोरा बदन ! उसकी काली साड़ी के पल्लू के नीचे से उसके गोरे गोरे बूब्स नज़र आ रहे थे, दिल कर रहा था कि साली के दूध वहीं पर खोल कर पी जाऊँ,








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उस औरत को चोदने का ख़याल मन में ही सोच कर अपनी सीट पर आकर बैठ गया। हॉल लगभग खाली था, हॉल में अँधेरा था, पिक्चर अभी शुरू नहीं हुई थी। वही औरत अपने बेटे साथ मेरी साथ वाली सीट पर आ कर बैठ गई,






उसका बेटा उसे थोड़ा तंग कर रहा था,वो उसे संभालते हुए मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई, मैं भी उसे देख कर मुस्कुरा दिया,पिक्चर शुरू होने में थोड़ा टाइम था, उसका बेटा उसे तंग किए जा रहा था। तो मैंने मौके का फ़ायदा उठाते हुए उसके बेटे के साथ खेलने लगा,






इससे उसका बेटा भी चुप हो गया। फिर उस औरत ने मेरा थैंक्स करते हुए कहा- आपने इसे चुप करवा दिया, बहुत देर से मुझे तंग कर रहा था। मैंने उसे बोला- अरे कोई बात नहीं, वैसे आप अकेली आई हैं क्या अपने बेटे के साथ?,






तो उसने कहा- हाँ, आजकल घर पर बोर हो रही थी, सोचा कि पिक्चर देखने चला जाए ! फिर मैंने पूछा- आपके पति नहीं आए आपके साथ? तो वो बोली नहीं, वो एक महीने के लिए बाहर गये हुए हैं। फिर पिक्चर शुरू हुई,






थोड़ी देर बाद उसका बेटा फिर उसे तंग करने लगा अंधेरा होने के कारण कुछ नज़र नहीं आ रहा था, मैं उसके बेटे को पकड़ने लगा तो उस दौरान मेरा हाथ ग़लती से उस औरत के नंगे पेट पर लग गया जिसका उसने कोई ऐतराज़ नहीं किया,








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पर उसके पेट को छूते ही मुझे करंट सा लगा,फिर मैंने सारी बातों को नज़रअंदाज़ करते हुए उसके बेटे को चुप करवाया,फिर मेरे मन में शैतानी जागने लगी, मैं धीरे धीरे करके हिम्मत करके अपना हाथ उस औरत की तरफ बढ़ाने लगा,






मेरा हाथ अब उसके चूचियों के पास पहुँच गया था,मैं अपनी उंगली उसके वक्ष के उठानों पर हाथ फेरने लगा। इसका भी उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं आ रहा था, शायद उसे भी मजा आ रहा था,इससे मेरी हिम्मत और बढ़ने लगी,






फिर मैं अपने हाथों से उसके स्तनों को दबाने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसके ब्लाऊज के अन्दर डाल दिया और उसके दूध मसलने लगा। क्या चूचे थे उसके ! इतने नर्म, इतने मुलायम कि मन कर रहा था मुँह लगा कर पी जाऊँ,








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फिर उसने अपना चेहरा मेरी तरफ कर लिया और अपने होंठ मेरे होंठों की तरफ बढ़ाने लगी और फिर मेरे होंठों को चूसने लगी। मुझे भी मजा आने लगा, मैंने भी उसके होंठों को चुसना शुरू किया, वो मेरे होंठों पर अपनी जीभ लगा रही थी,






और मैं उसके होंठों पर, मैंने उसकी साड़ी का पल्ला नीचे सरका दिया और ब्लाऊज़ के हुक खोल कर खुद नीचे झुक कर उसके दूध पीने लगा। मुझे दूध पिला कर वो पागल हो रही थी,मैं अपने मोबाइल की लाइट से उसके दूध देखने लगा,






क्या दूध थे गोरे गोरे और गुलाबी रंग का दाना,उसके दूध के
दाने को खूब बुरी तरह से चूसा और उसके गोरे गोरे दूध पर काट काट कर लव बाईट भी दे दी पिक्चर ख़त्म हुई तो उसने अपने साड़ी संभाली और हम हॉल से बाहर निकल आई,






बाहर निकलने के बाद वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी और मैं भी उसे देख कर मुस्कुराने लगा,फिर हम लंच करने के लिए एक रेस्मेंटुरेंट में गए, वहाँ मैंने उससे उसका नाम पूछा, उसने अपना नाम निशा बताया और बताया कि वो यहीं रहती है,








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हमने एक दूसरे का नंबर ले लिया,निशा के फ़ोन अक्सर आते रहते थे,एक दिन उसने मुझे घर पर आने को कहा,रात को मैं उसके घर पहुँचा तब तक उसका बेटा भी सो चुका था,उसने मुझे अपने बेड़ रूम में बैठने को कहा और बोली- मैं थोड़ी देर में आती हूँ,






थोड़ी देर बाद जब वो आई तो क्या कयामत लग रही थी, वो लाल रंग का नेट का नाईट सूट और अन्दर कच्छी ब्रा कुछ भी नहीं पहने थी,वो धीरे धीरे कमरे में आई और कमरे में अन्धेरा कर दिया और
मोमबत्ती जला दी,फिर धीरे धीरे मेरे पास आई,






और बेड पर मेरे पास आकर बैठ गई। दोस्तो, उसके दूध उसके गोरे चूतड़ देख कर मैं तो पागल हो गया था,फिर मैं उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में थाम कर उसके होंठों को चूसने लगा,वो भी मेरे होंठों को बुरी तरह से चूसे जा रही थी,







थोड़ी देर के बाद मैं उसके बूब्स को मसलने लगा,उसको नंगी कर दिया। अब उसका पूर्ण नग्न गोरा बदन मेरे सामने था,मैं उसके नंगे गोरे बदन के ऊपर पागलों की तरह से टूट पड़ा,उसके दूध पीता रहा,उसका नंगा बदन काफी देर तक काटता और चूमता रहा,








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फिर उसकी चूत भी चाटी और उसका सारा रस पी लिया। क्या स्वाद था उसके रस का, कुछ नमकीन सा.. फ़िर वो मुझे लेटा कर मेरी छाती चाटने लगी और बीच बीच में काट भी रही थी, बहुत मजा आ रहा था उसमें,






थोड़ी देर बाद उसने मेरा लौड़ा चूसना शुरू किया,उसने जैसे ही मेरा लण्ड अपने मुख में लिया, तो मुझे बहुत ही मजा आ गया, बस दिल कर रहा था कि चोद दूँ साली को। काफी देर तक वो मेरा लौड़ा चूसती रही,वो तो लण्ड चूसती हुई पागल होती जा रही थी,






थोड़ी देर बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने उसे हटने को बोला तो वो बोली- मेरे मुँह में निकाल दो, मुझे तुम्हारा वीर्य पीना है। यह सुन कर मैं पागल हो गया और अपना सारा वीर्य उसके मुँह में ही निकाल दिया,थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर तन गया,







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अब उसकी चुदाई का समय आ गया था, उसे उस रात मैंने हर पोज़ में चोदा,उस रात हम दोनों कई बार झड़े। उसने फिर बताया कि उसकी इच्छा है कि वो दो तीन आदमियों से एक साथ चुदे। उसने मुझसे पूछा- तुम अपने दोस्तों को भी अपने साथ ले आना,






अगली बार ताकि चुदाई में और मजा आये,फिर अगली बार मैं अपने तीन दोस्तों को उसके पास ले गया। उस दिन हम चारों ने चुदाई का पूरा मजा लिया, निशा ने भी एक साथ कई लौड़ों का स्वाद चखा. कहानी को अंत तक पढ़ने वालों का धन्यवाद…



Note ये कहानी सत्या घटना है केवल नाम और स्थान बदले हुए हैं…

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