नमस्कार दोस्तो,दोस्तों में आज आप अभी से अपनी पहली सच्ची स्टोरी शेयर करने जा रहा हूँ और अगर आपको यह अच्छी लगे तो प्लीज़ मुझे मैल जरुर करना। दोस्तों अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ,
दोस्तों में 22 साल का लड़का हूँ और मुझे सेक्स बहुत पसंद है और में मुंबई में रहता हूँ। मेरे पास में एक छोटा सा परविार रहता है.. उसमे अंकल, आंटी और उनका एक बेटा जो की 5 साल का है। अंकल ज्यादातर काम के सिलसिले में घर से बाहर जाते है,
और जल्दी सुबह ही निकलते है और कभी कभी देर रात को घर पर आते है.. उनकी वाईफ का नाम जानवी है जो बहुत सेक्सी है। क्या बताऊँ दोस्तों अगर आप लोग उसे एक बार देखो तो, में पक्का कहता हूँ की आप भी उसको सोच सोचकर मुठ मारोगे, क्योंकि वो है ही बहुत सेक्सी औरत है,
तो में कभी कभी मेरी मम्मी के कहने पर उनके घर के थोड़े बहुत काम कर दिया करता था जिसे से मेरा उनके घर पर आना जाना लगा रहता था क्योंकि वो घर पर अकेली रहती थी तो मेरी मम्मी को उन पर बहुत दया आती थी और वो मुझे उनके काम के लिए भेज दया करती थी,
फिर एक दिन आंटी ने मुझे घर पर बुलाया और कहा कि देखो ना यह लाईट चलती ही नहीं है इसे जरा ठीक कर दो। तो मैंने कहा का ठीक है और में अपने काम में लग गया और उस वक्त आंटी ने मेक्सी पहनी थी तो मैंने आंटी से कहा की मुझे एक पेचकस दो.. तो आंटी ने कहा की वो तो तुम्हारे पास होगा ना,
और ऐसा कहकर वो हंसने लगी मैं शोक होकर गहरी सोच में पड़ गया का आंटी कहना क्या चाहती है? फिर मैंने कहा की आंटी प्लीज जल्दी से दो.. मुझे किसी जरूरी काम से जाना है और फिर आंटी ने मुझे एक पेचकस दया। फिर मैंने कुछ ऐसा वैसा करके लाईट ठीक कर दी और में अपने घर पर चला गया,
फिर धीरे धीरे मुझे लगने लगा था कि आंटी की नयित खराब है और फिर उसी रात को उनके बारे में सोचते सोचते मैंने अपने मोबाईल में ब्लू फल्मि डाउनलोड कर ली और में भी आंटी के बारे में गंदा ली और में भी आंटी के बारे में गंदा गंदा सोचने लगा और मुठ मारने लगा,
फिर एक दिन सुबह सुबह अंकल ने मुझे बुलाया और कहा की अगर तुम आज रात को फ्री हो तो यहाँ मेरे घर पर रह जाना क्योंकि तुम्हारी आंटी को रात के समय घर पर अकेले में बहुत डर लगता है और मुझे आते आते सुबह 4 बजे का समय हो जायेगा। में तो बहुत खुश हो गया और मैंने कहा ठीक है,
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अंकल आप आराम से जाओ, फिर जैसे ही शाम हुई में उनके घर पर चला गया। तो आंटी ने दरवाजा खोला और कहा क्यों बहुत जल्दी आ गये? फिर मैंने कहा की क्या करूं आंटी आपका ख्याल जो रखना है फिर हम दोनों हंसने लगे,आंटी ने कहा कर्का आओ बैठो में तुम्हारे लिए चाय बना देती हूँ,
तो मैंने कहा की ठीक है आंटी और मैंने अपना मोबाईल साईड में रख दिया और आंटी के बारे में सोचता रहा कि कैसे इसको चोदूं? तभी आंटी चाय लेकर आई.. मैंने कहा की आंटी में अभी 5 मनिट में आता हूँ आप थोड़ा इंतजार करना। तो आंटी ने कहा का ठीक है. लेकिन थोड़ा जल्दी आना और फरि मैंने अपना मोबाईल वहीं छोड़ दिया,
क्योंकि मुझे पता था का आंटी को इंटरनेट और फोटो बहुत पसंद है फिर जब में कुछ देर बाद आया और चुपके से देखा तो आंटी अपने रूम में थी और मेरा फोन उनके हाथ में था और शायद वो ब्लू फल्मि देख रही थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी। तो मैंने सोचा का मौका सही है अब में अंदर घुस जाता हूँ,
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और जैसे ही में अंदर गया आंटी चौक गई और जल्दी से मोबाईल नीचे रख दिया और मुझे एक प्यारी स्माईल दी, फिर मैंने कहा की क्या हुआ आंटी ? तो आंटी बोली का कुछ नहीं बस ऐसे ही में बस कुछ देख रही थी,तो मैंने कहा की आंटी कुछ तो है और आप मुझे बताना नहीं चाहती तो आपकी मर्जी,
आंटी बोली का तुम अपने फोन में यह सब क्यों रखते हो? तो मैंने कहा की क्या? आंटी ने कहा कर्का ज्यादा भोले मत बनो, फिर मैंने कर्का ज्यादा भोले मत बनो, फिर मैंने सोचा की बात को घुमाने से क्या फायदा चलो देखते है क्या होता है? और मैंने कहा की आंटी क्या करूं जब से आपको देखकर सोचने लगा हूँ,
मेरी तो हालत खराब है। में ऐसे वीडयो देखकर आपके बारे में सोच सोचकर मुठ मारता हूँ। तभी आंटी ने कहा की में भी तुम्हे बहुत समय से देख रही थी का तुम मेरी छाती और मेरी गांड को बहुत घूरते हो। तभी यह सुनते ही में आंटी के साथ बेड पर बैठ गया और आंटी को कहा की क्या तुम मुझसे सेक्स करना चाहोगी?
तो आंटी ने कहा की यह गलत है और अगर तुम्हारे अंकल को पता चला तो अच्छा नहीं होगा, फिर मैंने कहा की अगर कोई कहेगा तब पता चलेगा ना,तभी मैंने आंटी का हाथ मेरे लंड पर रख दिया और में उसकी जांघो पर हाथ फेरने लगा,आंटी गरम होने लगी और मेरा लंड हाथ में लेकर चूसने लगी,
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वाह क्या चूस रही थी वो और में तो जैसे अलग दुनिया में पहुंच गया था.. क्योंकि पहली बार कोई मेरा लंड चूस रहा था,क्या बताऊँ मुझे क्या अहसास हो रहा था और मैंने आंटी का सर अपने हाथ में लिया और उनके मुहं में ज़ोर ज़ोर से लंड के धक्के मारने लगा,
आआहह वाउ क्या मज़ा आ रहा था, फिर मैंने कहा जानवी बस करो.. अब मेरी बारी है और में उसके बूब्स दबाने लगा.. वो तो जैसे उछल रही थी, लेकिन मेरा लंड अपने हाथ से छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी। धीरे धीरे में उसके पूरे जिस्म को चूमने लगा और अब बारी आई उसकी चूत की,
उसकी चूत बहुत गोरी थी और उस पर थोड़े बाल थे जैसे चाँद में दाग। में पागलों की तरह चूत चाटने लगा,आंटी की हालत क्या कहूँ दोस्तों.. में लिखकर बयान नहीं कर सकता,आंटी बस आआअहह नहीं आहह उउउंम्म और चाट मेरी चूत और ज़ोर से ऐसे तो तुम्हारे अंकल भी नहीं करते उउउंमह,
फिर मैंने आंटी की गांड चाटी.. गांड का टेस्ट थोड़ा बुरा था.. लेकिन सेक्स करते वक्त क्या बुरा क्या भला फिर आंटी ने कहा चलो अब मुझे चोद डाल। तो मैंने कहा की आंटी घोड़ी बन जाओ और आंटी जैसे ही घोड़ी बनी तो मैंने कहा की आंटी पहले मेरे लंड को थोड़ा गीला कर दो,
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तो आंटी फिर से लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी,मैंने कहा बस अब हम चुदाई करते है आंटी घोड़ी बनी हुई थी और मैंने चुपके से मेरे लंड का टोपा आंटी की गांड के होल से थोड़ा दूर रखा और आंटी की कमर पकड़ ली और एक ही झटके में आधा लंड गांड में डाल दिया,
तभी आंटी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी आहह बाहर निकाल दे.. ओहहह आअहह। तो मैंने कहा की कुछ नहीं होगा जानू.. थोड़ी देर में पानी निकल जाएगा और में हल्के हल्के धक्के मारने लगा और आंटी भी मज़े लेने लगी और फच फच की आवाजे आने लगी और में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा,
इस बीच आंटी दो बार झड़ चुकी थी, फिर आंटी ने कहा की जल्दी निकाल में बहुत थक गई हूँ। तुम्हारा लंड तुम्हारे अंकल से बड़ा है और पहली बार किसी ने मेरी गांड में लंड डाला है। तो अब में भी धक्के मारते मारते बहुत थक गया था,फिर भी मेरा माल नहीं निकल रहा था और करीब 25-30 मनिट के बाद,
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मैंने आंटी की गांड में सारा वीर्य छोड़ दिया और जैसे ही मैंने लंड को बाहर निकाला आंटी के मुहं से आहह सस्स्शह निकल गई और वो थककर लेट गई और में भी उनके पास ही लेट गया,उस दिन के बाद तो में अक्सर आंटी को अपने लंड पर बैठाता हूँ और उनके पूरे जिस्म के मजे लेता हूँ, कहानी को अंत तक पढ़ने वालों का धन्यवाद…
Note ये कहानी सत्या घटना है केवल नाम स्थान बदले हुए हैं..