गांव की गोरी Part 2 indiasex stories

हेलो दोस्तों कैसे है आप सब, कृपया पहला भाग जरूर पढ़े,तो पीछे भाग में आप सभी ने पढ़ा कैसे मुझे गांव आना पसंद नही था, फिर मेरी

हेलो दोस्तों कैसे है आप सब, कृपया पहला भाग जरूर पढ़े,तो पीछे भाग में आप सभी ने पढ़ा कैसे मुझे गांव आना पसंद नही था, फिर मेरी मुलाकात सीमा से हुई,

अब आगे की कहानी सीमा के बूब्स ओर गांड को दबाने के बाद वो भी गरम हो गईं,रात को आने का बोल कर चली गई, उसके बाद मैं भी बाज़ार गया और कुछ चॉकलेट ले आया,

शाम को मैंने सीमा को जहां मैं सोता हूं वो जगह बता दी, ताकि उसे भी पता रहे के मैं बिलकुल अकेला ही सोता हूं, गांव में सब जल्दी ही सो जाते है, रात को 11 बजे सीमा दबे पांव आई, मैने उसे अपनी जांघों पर बैठा दिया और बूब्स को हल्के हल्के सहलाने लगा, सीमा मुझ से बहुत ही अच्छे से बात कर रही थी,

जैसे मैं उसका पति हूं मैने चॉकलेट को खोला और अपने मुंह से उसे खिलाने लगा, चॉकलेट खाते हुए वो मेरे होठों को चूमने लगीं, मैने भी उससे पागलों की तरह किस्स करने लगा,

उसके बालों को खोल दिया जो उसने बांध रखे थे, उसने प्यारी सी मुस्कान दी ओर लेट गई,उसके गालों को चूमते हुए उसकी गर्दन तक चूमते हुए गया,

फिर उसके कपड़े उतारे सीमा ने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी, बदन उसका दूध की तरह सफेद था, उसकी ब्रा ऊपर किया और दोनो बूब्स को मसलने लगा, निप्पल के ऊपर अपनी जुबान को गोल गोल घुमाने लगा, सीमा आह ऊं ऊंह हा हां की आवाजे करने लगी,

फिर मैने चॉकलेट को अपने दोनो हाथों से दबा कर उसको पीस कर दिया और सीमा के बदन पर फेला दिया, और फिर अपनी जुबान से सभी पीस को बटोरने लगा, ये सब देख कर सीमा ने धीमी सी आवाज में बोली आप बहुत शरारती है,

मैं,आप को अच्छा नही लग रहा क्या?
सीमा, मैंने ऐसा तो नही कहा,
मैं, तो फिर ?
सीमा, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ..

फिर मैं नीचे की तरफ गया,सीमा ने खुद की पेंटी को निकाला फेंका शायद वो भी चाहती थी, और जानती भी थी की अब मैं उसकी चूत को भी चाटने वाला हूं, फिर मैनें धीरे से चूत की दरार में अपनी जीभ को फेरा सीमा सिसकारियां लेने लगी आहा ऊं उम्म आह,

चूत की दरार में जीभ को घुमाने लगा ओर चाटने लगा, सीमा भी अपनी गांड उठा उठा कर चूत चटवाने लगी, फिर उसे पेट की तरह लिटा दिया और पीछे से चूत गांड दोनो चाटने लगा,सीमा दोनो टांगो फेला का मेरे मुंह पर धक्के मर रही थी जैसे मुझे चूत में डाल लगी,

वो बहुत गरम हो चुकी थी, क्यू की उसकी बदन की गरमी मुझे महसूस हो रही थी,फिर मैंने पीछे से लंड को चूत में डाला, और चुदाई शुरू कर दिया पूरे कमरे में पट चट फट चट की आवाजे गूंजने लगी,

सीमा दोनो टांगो को फैला कर लंड लिए जा रही थी,मुझे भी मज़ा रहा था,फिर सीमा ने मुझे लिटा दिया और मुझे पर चढ़ गईं अब वो खुद की गांड उठा उठा कर लंड को चूत में लेने लगी,

मेरे हाथों को बूब्स पर रख कर खुद ही दबाने लगी,सीमा दोनो आंखो बंद कर के होठों को दांतो से काट रही थी, उसने रफ्तार बढ़ा दी और बहुत तेज़ी से चुदाई करने लगी,फिर मेरा माल निकल गया सीमा की चूत में,

वो चुदाई से इतना खुश थी के मुझे गले लगा कर फिर से किस्स करने लगी और फिर कपड़े पहने लगी माल उसकी चूत से टपक रहा था, कल फिर आती हूं बोल कर चली गई…

Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories

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