हेलो दोस्तों मेरा नाम करन है मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूं ,मेरे लंड का साइज़ 6 है, वैसे तो सभी की कोई न कोई Fantasy होती है, उसी तरह मेरी भी Fantasy थी के मैं अपनी भाभी के साथ चुदाई करू,
मेरी भाभी का नाम भावना है और इतनी सेक्सी है के अब क्या बताऊं उभरा हुआ बदन, बूब्स 38 कमर 29 गांड 38 की है,जब मेरे भाई की शादी हुई है तब से ही मेरी नीयत भाभी पर है,
कई बार मैने भावना को इशारा में बोला भी है के आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो अगर भाभी न होती तो भगा कर ले जाता,लगता है ये सभी बातें भावना ने मज़ाक में लिया है,
मैने तो कई बार अपनी Fantasy में भावना को अलग अलग तरीके से चोद चुका हूं बस अब एक अच्छे से मौके की तलाश में था, कुछ दिन ऐसे ही बीत गए,फिर होली आने वाली थी,
भावना की पहली होली थी, मेरे भाई को टाइम नही मिला के वो भाभी को उनके माइके ले जाए, इस लिए मुझे जाना पड़ा,भावना का घर बहुत दूर था इस लिए हमें बस से जाना था,
मैं और भाभी बस में बैठ गए वो एक ही सीट पर,भाभी खिड़की के पास बैठी थी, सफर लगभग 4 घंटे का था, वैसे से तो मैने बहुत सी Fantasy Stories पढ़ी है जिसमे देवर अपनी भाभी को पटा कर अपनी Fantasy पूरी करता है,
अब भावना के पास बैठ कर सभी Stories मेरे आंखो के सामने आने लगी, मैंने भी सोचा किसी बहाने से भाभी को छूना पड़ेगा देखे तो भाभी क्या बोलती है,
अपने हाथ से खिड़की की तरफ़ इशारा किया ओर बोला भाभी इसी तरह मेरा कॉलेज है जहां में पढ़ता हूं, हाथ मेरा खिड़की की तरफ़ था लेकिन मेरी कोहनी भाभी के बूब्स को छू रही थी,
पता नही कौन सा कॉलेज आया और मैने हाथ को थोड़ा आगे पीछे करते हुऐ बोला देखी भाभी यही मेरा कॉलेज है,मेरी कोहनी भाभी के बूब्स रकड़ने लगा, भाभी ने मुस्कुराते हुए बोला,
हां ठीक है देख लिया तुम्हारे कॉलेज को ये वही है जहां तुम कभी जाते नही और फिर हसने लगी, मैंने सोचा भाभी को मेरे सपर्ष का पता नही चला, मैं अपनी सीट से थोड़ा भाभी के करीब हो गया,
मैं भाभी के इतने नजदीक आ गया था के मुझे भाभी के कुल्हे मेहसूस हो रहे थे,तभी अचानक से बस किसी गड्ढे में गई जिस कारण से भाभी मेरी और झुक गई,
खुद को संभालते हुए भावना का हाथ मेरे लंड के ऊपर रख उठा, मैं चौंक गया फिर सोचा अच्छा ही हुआ, भाभी ने अपने हाथ को हटाते हुए मुस्कुरा रही थी,शायद उनको को भी पता चल गया था के मेरा लंड खड़ा हुए पैंट के अंदर,
अब तक हमने आधा सफर कर लिया था और थोड़ा अंधेरा भी हो रहा था,अब तक मैं भाभी के पास बिलकुल चिपक चुका था इतना के हवा भी नही जा सकती थी,फिर मैंने कुछ और बातें करनी शुरु की जिनमें कुछ डबल मीनिंग सवाल थे,
भाभी शरमा भी रही थी और मज़े भी ले रही थी, बातें होती रही इतने में मैंने अपने हाथ को भाभी की जांघ के ऊपर रखा दिया,देखने के लिए भाभी कुछ बोलती है या नही तो भावना चुप रही,
फिर मैंने हाथो को हल्के हल्के जांघ के ऊपर घुमाने लगा, सभी लड़कियों के शरीर पर एक ऐसी जगह होती है जहां हाथ लगाते ही वो गरम हो जाती है, भावना का अंग उसकी जांघें थी,
थोड़ी ही देर में वो इतनी गरम हो गई के मेरे लंड के ऊपर हाथ फेरने लगी मुझे तो कुछ समझ नही आया के अब क्या करू, मैंने सोचा था ऐसा कुछ होगा लेकीन ऐसा होगा ये नही सोचा था,
फिर मैंने बैग से शोल निकाला और दोनो को ढक दिया लेकिन हमारे मुंह खुले हुए थे ताकि किसी को शक ना हो, फिर शोल के अंदर से ही मैंने भाभी की चुचियों को मसलना शुरू किया क्या मस्त दूध थे, अब भावना पूरी तरह गरम हो गई थी,
रहा मुझ से भी नही जा रहा था मन कर रहा था अभी टांगे फेला चूत में लंड को दाखिल कर दू लेकीन फिर मैंने शोल के अंदर अपने मुंह को डाल कर चुचियों को मुंह से चूसने लगा, अब तो भाभी अपनी कमर को बार बार उठा रही के अब मुझे लंड चाहिए,
मैने हालातों को देखते हुए भाभी को समझाया,फिर कुछ देर बाद बस रुकी और हम दोनो उतर कर गए,कुछ देर बाद भाभी के घर पहुंचे और सब लोगो से मिलने के बाद हम खाना खाने के बाद रात को भाभी की जम कर चुदाई की लगातार चार बार चोदने के बाद भाभी की शांत हुई…
अब आप भी हमें अपनी कहानी भेज सकते हैं आप की पहचान को गुप्त रखा जायेगा..
Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories