हेलो दोस्तों मेरा नाम गोटिया है और मैं नवी मुंबई का रहने वाला हूं, मेरा। लोड़े का साइज 8 इंच का है, आज मैं आप को मेरी जिंदगी की सत्या घटना बताने वाला हूं,
मेरे चाचा जी की बेटी जिसका नाम पिंकी था, वो बहुत हॉट थीं इतने हॉट बदन की मालकिन थी,जो एक बार देख ले बिना अपने लंड को सहलाए ना रह पाए, 39 के दूध कमर 28 और कूल्हे 36 के थे,
वैसे तो पिंकी के पीछे बहुत से लड़के पड़े हुए थे, लेकिन पिंकी किसी को भाव नही देती थी,अब सीधा कहानी पर आते है,वैसे तो पिंकी मेरे चाचा की लड़की थी लेकिन हम दोनो एक दूसरे के साथ एक दोस्त की तरह रहते थें,
कई बार मैंने पिंकी को उसकी सहेलियों के साथ सेटिंग करवाने को भी बोला है,पिंकी ने अपनी सेहली की चूत भी दिवायी है,शायद उसकी किसी सेहली ने उसको बताया होगा के मैं किस तरह चुदाई करता हूं,
तब से पिंकी नजर कुछ बदली बदली हुई थी, मैने भी शायद ऐसे ही होगा,फिर कुछ दिन ऐसे बीत गए,एक दिन मेरे घर में एक फंक्शन होने के कारण पिंकी और उसके सभी घर वाले आए हुऐ थे,
उस दिन पिंकी क्या लग रही थी,उसने ऐसे कपड़े पहन रखे थे जिसमें से उसके बूब्स का क्लीवेज दिखाई दे रहा था, मेरी तो नजर उसके ऊपर से हटी ही नही रही थी, उसने भी मुझे नोटिस किया था के मैं सिर्फ उसके बूब्स को ही देख रहा हू,
उसके बस हल्की सी मुस्कान दी और कुछ बोली नही, फिर फंक्शन रात तक चला,सुबह होने के बाद सभी रिश्तेदार अपने अपने घर चले गए,पिंकी भी अपने घरवालों के साथ जाने वाली थी, लेकिन मेरी मां ने उसे रुकने को बोला,
ताकि पिंकी मेरी मां का काम में हाथ बटा सके तो पिंकी भी उनकी बात मान कर रुक गई,काम बहुत ज्यादा था उसके खत्म करने में शाम हो गई, क्यों कि रिश्तेदार बहुत आए हुऐ थे और सुबह होते ही सब लोग खा पी कर निकल गए,
शाम को मेरी मां ने बोला पिंकी को उसके घर छोड़ने को, मैंने पिंकी को साईकिल पर बिठाया और उसके घर की ओर चल पड़े, पिंकी ने वही कपडे पहने हुए थे जो पिछली रात को पहने थे,
मैने पिंकी को कहा तू इस ड्रेस में बहुत खूबसूरत लगती है, पिंकी बोली अच्छा तुझे मैं कब से खूबसूरत लगने लगी, मैने कहा बहुत पहले से ये तो तुम मेरी रिश्ते में बहन लगती है नही तो और मैं चुप हो गया,
पिंकी पूछने लगी नही तो क्या तू क्या करता, मैं कुछ देर शान्त हो गया क्यों की मैं सोच रहा था रास्ता अब सुनसान है थोड़ा अंधेरा भी हो चुका है अगर पिंकी पट्ट गई तो इसी रास्ते में चोद डालूंगा,
फिर पिंकी ने दोबारा से पूछा बोला क्या हुआ तो क्या करता, मैंने कहा देख अगर अब इससे आगे कुछ बोलूंगा तो तुझे बुरा लग जाएगा, मैं सुनना चाहती हूं बोल पिंकी ने बोला,
मैंने बोला ठीक है अगर तू सुनना चाहती है तो सुन साईकिल को रोकते हुए मैं उसकी तरफ मुड़ गया और कहा अगर तू मेरी बहन न होती तो सबसे पहले तेरे बूब्स को अपने मुंह से चूस लेता, तेरे गुलाबी होठों को अपने होठों से मिला देता,
ये सभी बातें सुनकर पिंकी गरम हो गई और बोली अच्छा तो अभी भी तुम ये सब कर सकते हो, मैने बोला अच्छा तो ठीक है और पिंकी को अपनी ओर कर लिया और होठों को चूमने लगा,
होठों चूमते हुए अपना हाथ पिंकी की चुचियों में डाल कर मसलने लगा, पिंकी अहन ऊं करने लगी, मैं पिंकी के होठों से लेकर उसको गर्दन गालों पर हर जगह किस्स करते हुए उसके दूध को बाहर निकाल कर उसके ऊपर भी किस्स करने लगा,
पिंकी लगातार अहुं आहू ऊं करती जा रही थी, मैंने अपना हाथ पिंकी की चूत की तरफ ले गया तो पता चला पिंकी तो नीचे से गीली हो गई है, पास में एक झाड़ था उसके पीछे पिंकी को लेकर गया,
पिंकी को थोड़ा सा झुका कर पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डालना शुरू किया और अंदर बाहर करने लगा, चूत बहुत कसी हुई थी, अब लंड को अंदर बाहर करने लगा और पक पक की आवाजे आने लगी,
थोड़ी देर में मेरा माल निकल गया और मैंने पिंकी को बोला यह सेफ नही है मैं तुझे कमरे पर बुला कर अच्छे से चुदाई करूंगा, पिंकी बोली ठीक और मैं उसे घर छोड़ कर आ गया…
अब आप भी हमें अपनी कहानी भेज सकते हैं आप की पहचान को गुप्त रखा जायेगा..
Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories