हैलो दोस्तों मैं फिर से हाज़िर हूं आप सब के सामने मैं दोबारा अपना परिचेया दे देता हू,
मेरा नाम विजय हैं और मैं आसाम का रहने वाला हूं , मेरा लिंग 8 इंच है, धोखेबाज भाभी –1 के पहले भाग में आप सभी ने पढ़ा के कैसे मैंने अपनी भाभी की चुदाई की थी,
क्यू की मैने उनकी बिना कपड़े वाली तस्वीरे देख ली थी वो भी उसके bf के साथ, कृपया पहला भाग जरूर पढ़े, चुदाई करने के बाद मैं बाहर चला गया, फिर अगले दिन मैं घर पर अकेला था,
भाभी भी दोपहर को घर आ गई, जैसे मैने बताया था के भाभी हमेशा मॉडर्न कपड़े ही पहनती है, आज भी भाभी ने लॉन्ग क्रॉप टॉप पहना हुआ था, जिसमें उनकी गांड की गोलाई बहुत अच्छी तरह दिखाई दे रही थी,
यहां तक के उनकी पेंटी को लाइन भी नजर आ रही थी, मैंने भाभी को देखते हु आंख मारी और बोला आयो मेरी जान मेरी गोद में बैठ जाओ, भाभी भी मुस्कुराते हुए आई और टांगे फेला कर मेरी गोद में बैठ गई,
मैने ने भी अपना हाथ भाभी के बूब्स के ऊपर रख दिया और उंगलियां फेरने लगा, फिर उनको गले से लगा कर चूमने लगा, क्रोप्टॉप से उनकी चूचियों को बाहर निकाल दिया और निप्पल को अपनी जुबान से चाटने लगा,
तभी दरवाज़े की बेल बजी मैंने जल्दी भाभी को उठाया खुद को ठीक किया, भाभी ने जल्दी से दरवाज़े खोला, देखा तो मेरे भईया जल्दी घर आ गए थे, भईया अंदर आए और मेरे पास बैठ गये,
भाभी किचेन में चली गई, फिर शाम को हम सभी परिवार के साथ खाना खा रहे थे, मेरे दिमाग में सिर्फ और सिर्फ भाभी के बूब्स ही घुम रहे थे, क्यों की दोपहर को जो हुआ उसकी वजह से मैं तड़प रहा था,
ये बात भाभी भी अच्छी तरह से जानती थी और तभी भाभी ने किचन से आवाज लगाई विजय अगर तुम ने अभी खाना शुरू नही किया तो एक मिनट आना, मुझे बुलाया, मैं जैसे ही किचेन ममें गया मेरी आंखे खुली की खुली रह गई,
भाभी ने अपने दोनो बूब्स को बाहर निकाल कर खड़ी थी, मै देख एक दम हैरान हो गया मेरा लंड तुरंत ही खड़ा हो गया, मैंने भी दोनो चुचियों को दबाने लगा और चूमने लगा,
मैं बेकाबू हो गया भाभी मुझे रोकने लगी और मुझे मना करने लगी के कोई आ जायेगा मैने तो मजाक मैं ऐसा किया है रात को मैं तुम्हारे पास अति हूं अभी प्लीज़ जाओ, मैंने भी उनकी बात मानी और वापिस आ कर खाना खत्म किया और अपने कमरे में आ गया,
भाभी के गदराय बदन को सोचते हुए मैने अपने कपड़े उतार दिए और ऊपर से एक चादर से खुद को ढक लिया, मैं मन ही मन सोचने लगा के अगर उस दिन भाभी को नंगी तस्वीरे न देखता तो ये भाभी देवर कर रिश्ता आज इस मोड़ पर न होता,
तभी भाभी मेरे कमरे में आई मुझे देख कर बोलने लगी अरे क्या हुआ नाराज हो गए मैं तो बस खेल रही थी ओर मेरे पास बैठ गई, मैने कहा मेरी जान चादर हटा के तो देखो और भाभी ने मेरी चादर खींची तो हैरान हो गई,
मैने कहा अब बोलो और भाभी को अपने ऊपर लिटा दिया, भाभी ने भी कुछ नही पहना था क्यों की भाभी की चूचियां मेरे सीने पर लग रही थी, बिलकुल मुलायम मखमल जैसी,
भाभी ने मुझे चूमना शुरू किया और धीरे धीरे नीचे की तरफ गई, मेरे लंड पर थूक कर उसे सहलाते हुए , मुंह में डाल कर चूसने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मैने भाभी के बालों को पकड़ कर अपने लंड को पूर्ण रूप से चुसवाया,
फिर मैने भाभी को लिया जहां पर मैं लेटा हुआ था, भाभी की दोनो टांगो को फैला कर उनकी चूत को चाटने लगा, चूत पर एक भी बाल नही था, चूत के दोनो होठों के बीच में अपनी जुबान से कुरेदने लगा, भाभी आह ऊं आह ऊं की कामुक आवाजे निकलने लगी,
आवाजों को सुनकर कर मुझे और जोश आ गया अब मैंने अपने मुंह को चूत में धकेलते हुए चाटने लगा, भाभी अपनी कमर को उठा उठा कर मेरे मुंह अपनी चूत से चोदने का प्रयास कर रही थी,
अब भाभी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया मैने चूत के पानी को पी लिया और भाभी को डोगी बना कर पीछे से ही अपने लंड को भाभी की चूत में दाखिल किया, इतना मोटा अंदर जाते ही भाभी चिला उठी जरा धीरे चोदना है फाड़ना नही,
हालांकि भाभी ने पहले भी मेरे लंड का स्वाद चखा है लेकिन आज मैं अपने चरम था शायद इस लिए लंड का आकार थोड़ा और बड़ा हो गया था, फिर मैंने लंड को ओर तेजी से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,
मैने भाभी की दोनो टांगो को उठा लिया अब भाभी अपने हाथों के सहारे खड़ी थी और फिर चुदाई शुरू को पूरे कमरे में पट पट टक टक की आवाज़ गूंजने लगी, फिर मेरा माल निकलने वाला था मैंने भाभी को इशारा किया,
भाभी तुरंत मेरी तरफ घूम गई और मैंने अपना सारा माल भाभी के मुंह निकल दिया, भाभी ने बिना एक बूंद गिराए मेरा सारा माल पी लिया, मुझे बहुत खुशी हुई, मैने भाभी को चूमा और हम दोनो उस रात बिना कपड़े सो गए…
Note: कहानी सत्या घटना है केवल नाम ओर स्थान बदले हुए हैं…desi adult stories