नमस्कार दोस्तों मेरा नाम माया है और मैं हरियाणा की रहने वाली हूं, मेरी गांड 34 की है और स्तनों का साइज़ 32 है, आज मैं आप को अपने जीवन अनुभव बताने जा रही हूं, ये एक लस्बियन सेक्स स्टोरी है
शुरु से ही मेरा आकर्षण लड़कियों की तरफ़ ही था, मुझे लड़को में कुछ खास दिलचस्पी नही थी, पता नही क्यों लेकिन मुझे लड़के बिलकुल पसंद नही थे, शायद एक मेरी सहेली की वजह से ऐसा हुआ,
बात उन दिनों की है जब मैं 10वी कक्षा में थी, मेरी एक सहेली जो मेरी ही क्लास में पढ़ती थी, जिसका नाम रोशनी था जो दिल्ली से थी, वो बातों बातों में हर किसी की चूची को दबा देती थी,
शुरु में मैंने सोचा शायद मज़ाक में ऐसा करती है लेकिन उसने मुझे बताया के वो लेस्बियन है तो सब उसे डरने लगे, हम ही बेंच पर बैठा करते थे, एक बार की बात है, सुबह हम स्कूल जल्दी आ गए उस समय कोई भी नही आया था,
हम दोनो एक ही बेंच पर बैठ कर बाते कर रहे थे रोशनी ने मेरे बूब्स दबाते हुए बोली एक बार चूमने दे यार तुझे भी मजा आएगा, हमारी यूनिफॉर्म शर्ट और स्कर्ट थी, उसने बाते करते हुए मेरे शर्ट के ऊपर के बटन को खोल दिया और मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से चूमने लगी,
सच्च में मज़ा तो बहुत आया आज भी उस एहसास को याद करती हूं तो नीचे से गीली हो जाती हूं, बूब्स को चूमने हुए उसने मेरी स्कर्ट में हाथ डाला और मेरी योनि को पेंटी को ऊपर से ही मसलने लगी, उंगलियों से मेरी योनि की दीवार में घुसने लगी,
मैं चरम के सातवें आसमान में थी, मुझे पता नही चला मैं कब रोशनी के होठों पर अपने होठ को मिलाने लगी,हम दोनो एक दूसरे में समाने ही वाले थे की कुछ आवाज़ हुई और हम दोनो होश में आ गए,
उस दिन से ही मुझे सिर्फ लडकी का स्पर्श अच्छा लगता है, फिर अगले दिन मैं रोशनी से मिलने को तड़पने लगी ,उसने मुझे घर पर बुलाया, मैंने किसी टाइम निकल कर उसके घर गई और पढ़ाई के बहाने उसके कमरे में चले गए,
कमरे में जाते ही रोशनी ने मुझे पकड़ लिया और होठों से होठों को मिलाने लगी, हम दोनो ही एक दूसरे को चूमने लगे, चूमने हुए रोशनी के बूब्स को ऊपर से मसलने लगी, मुझे रोशनी के निप्पल नरम से कड़क होते मेहसूस हो रहे थे,
रोशनी ने मुझे बेड पर गिरते ही अपने कपड़े उतारने लगी और मुझे बड़े ही कामुक नज़रों से देख रही थी,रोशनी ने अपने सभी कपड़े उतार दिए और बिना कपड़े मेरे सामने खड़ी थी उसकी चूत पर एक भी बाल नही थी,
रोशनी ने मुझे इशारा किया के मैं भी अपने कपडे उतारू, मैंने भी जल्दी से कपड़े उतारे और नंगी हो गई,रोशनी मेरे पैरो को चूमने हुए मेरी जांघों को अपनी जीब से चाटने लगी, मेरे बदन में मानो बिजली सी दौड़ गई, वो धीरे धीरे मेरी चूत की ओर बढ़ने लगी,
चूत के पास आते ही उसने मेरी चूत के होठों पर अपने होठों को रख दिया, मेरी दोनो टांगो को अपने हाथो से फेला कर चूत को चाटने लगी,अपनी आंखे बंद कर के मैं चरम सुख का आनन्द लेने लगी, रोशनी की जुबान मेरी चूत के दाने खेलने लगी,
फिर रोशनी मेरी चुचियों की तरफ बढ़ी वो अपनी जुबान से मेरे निप्पल को चाटने लगी, रोशनी अपनी जुबान का बहुत अच्छी तरह से इस्तेमाल करती थी, मेरे निप्पल की जितनी गोलाई थी उतने में ही उसकी ज़ुबान घूम रही थी,
एक हाथ मेरी चूचियों को दबाते हुए दूसरी चूंची को चाट रही थी, फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गई दोनो टांगो को फैला कर और उसकी चूत मेरे मुंह के सामने थी, मैंने बिना देरी उसकी चूत को चाटने लगी, मैंने अपनी चूत में डालने की कोशिश की लेकिन वो जा नही रही थी,
फिर मैने रोशनी को बोला तुम भी लेट जाओ तो मैं तुम्हे सही तरीके से चख सकती हू ऐसे में मुझे मुश्किल हो रही है, रोशनी लेट गई लेकिन मेरे पैरो की तरफ़ मुंह कर के, दरअसल रोशनी ने 69 करने का प्लान बनाया था,
फिर क्या अब तो रोशनी ने जलती हुई आग में घी डाल दिया था, मैंने उसकी चूत को चखने का पहला अनुभव किया, उसके चूत के दाने के साथ मेरी जुबान टकराने लगी, जैसे रोशनी को जुबान चलती उसी तरह मेरी जुबान भी चल रही थी,
फिर रोशनी ने मेरी गांड के छेद को भी नही छोड़ा, अपनी जुबान से मेरी गांड को भी चाटने लगी मुझे उसमे भी आनंद आ रहा था, मैने भी रोशनी को गांड को चाटना शुरू किया, फिर रोशनी ने मेरी चूत में उसकी दो उंगलियों को दाखिल किया,
और उंगलियों को अंदर बाहर करने लगी, मैने भी ठीक वैसा ही किया, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मानो यही असली सुख है इसके बाद कोई भी सुख नही है, उंगलियों की रफ्तार को तेज़ करते हुए हम एक दूसरे में समय जा रहे थे,
हमारे बीच एक इंच का भी फासला नही थी,फिर मेरी चूत से रस निकलने लगा, रोशनी ने मेरे रस को भी पी लिया, मैने भी बिना सोचे उसके रस को पी लिया,मैने रोशनी के होठों चूमते हुए उसको धयनवाद किया, के अगर आप न होते तो मैं इस सुख को कभी नही पा सकती थी,
Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories