मैं फतिमाह फिर से आप सभी पाठको के लिए हाजिर हूं,अपनी कहानी लेकर लेकिन थोड़ा अपने बारे में बता देती हूं मैं जम्मू की रहने वाली हूं, और मेरे स्तनों का आकार 38 है और मेरी गांड का आकार 28 हैं,
पिछले भाग में आप ने पढ़ा कैसे खान बाबा मेरे घर आए और कोई न होने के कारण खान बाबा मेरे बूब्स को दबाने में व्यस्त हो गए थे,अब आगे जैसे ही मेरे अब्बू घर आए हम दोनो अलग हो गए मैं दूसरे कमरे में और खान बाबा वही बैठे हुए थे,
खान बाबा ने अब्बू को दवाई दी और थोड़ी देर में चले गए,फिर अगले दिन में बाज़ार से आ रही थी,खाना बाबा की दुकान के सामने से जाने लगी तो खान बाबा अपने लन्ड को सहला रहें थे और मुस्कुरा रहे थे,
वो बीते दिन की बात को सोच कर खुश हो रहे थे साथ में मुझे भी याद दिला रहे थे के कैसे मैंने उनके मोटे लन्ड को चूसा था,अब वो फिर से करवाना चाहते है और मैं भी अपने जिस्म की आग को बुझाना चाहती हूं,
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मैंने आस पास देखा कोई नही था तो खान बाबा के पास चली गई,मुझे देख कर खान बाबा ने लन्ड को बाहर निकाल लिया और हिलाने लगे,उनके लन्ड को देख कर मेरे बदन में भी आग लग गई,
मैंने काउंटर के ऊपर से हाथ बढ़ा कर उनके लन्ड को पकड़ लिया और सहलाने लगी, खान बाबा अपनी आंखो को बंद कर के मज़े लेने लगे,फिर मैंने खुद को संभाला और वहां से चली गई,
जाते समय मैंने खान बाबा को बोला जब मैं इशारा करू तो घर में आ जाना,पूरे दिन में एक समय ऐसा होता था के घर में दो तीन घंटे घर में कोई भी नही रहता था,फिर मैं घर चली गई,
उसी दिन शाम के समय अम्मी पड़ोस में चली गई और अब्बू काम को पहले ही गए हुए थे,अब घर में कोई नही था, मैंने थोड़ा इंतजार किया फिर खान बाबा को इशारा किया आने को,
थोड़ी देर में खान बाबा मेरे घर आ गए, अंदर आते ही खान बाबा ने दरवाजा बंद कर लिया और बोले आज चाहे कुछ भी हो जाए बिना तुम्हारी चूत मारे नही जाऊंगा,मुझे पकड़ लिया और मेरे होठों को चूमने लगे,
मेरे बदन में तो आग पहले से ही लगी हुई थी,मैने भी खान बाबा को जकड़ लिया और उनके दोनो होठों को चूमने लगी,अपने हाथ को उनके लन्ड की तरफ ले गई,खान बाबा ने सिर्फ लुंगी लपेट रखी थी और कुछ नही पहना था,
मैं हाथों उनके खड़े लन्ड को सहलाने लगी,एक दूसरे को चूमते हुए कुछ समय हो चुका था फिर खान बाबा ने मेरे कपड़े निकाल दिए और मुझे पूरा नंगी कर दिया,अब और मेरे स्तनों को मुंह से चूसने लगे,
मेरे गुलाबी निप्पल को अपनी जुबान से चाटने लगी, मैं अहा अहा ऊंह अहा बहुत मजा आ रहा है खान बाबा पी लो मेरा सारा दूध आज खाली कर दो मेरे बूब्स को,मेरे मुंह से ऐसी बाते सुनकर खान बाबा जोश में आ गए,
उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार फेंके,अब वो मेरे जिस्म के एक एक अंग को चूमने लगे कभी मेरी गांड को तो कभी मेरी जांघों पर अपनी ज़ुबान से चाटने लगे,फिर मुझे लिटा कर मेरी चूत को देखने लगे,
मेरी चूत गुलाबी थी और एक भी बाल नही था,फिर वो मेरी चूत को चाटने लगे मैं आह आह उह ऊंह अहा कर रही थी,खान बाबा कभी मेरी चूत की दरार को तो कभी दाने को कुरेद रहे थे,इस दौरान मेरा पानी निकल चुका था,
फिर खान बाबा मेरी चूत को जुबान से चोदने लगे, मैं कमर उठा उठा कर उनका पूरा साथ दे रही थी,फिर खान बाबा ने अपने लन्ड को मेरे मुंह डाला मैं भी उनके लन्ड को कुल्फी जैसे चूसने लगी,
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उनके लन्ड के सुबारे को अपनी जुबान से चाट रही थी,उनके दोनो बोल को अपने होठों से चूम रही थी,खान बाबा ने मेरे मुंह को चूत की तरफ चोदा, फिर मुझे घोड़ी बनने के लिए बोला,
मैं जैसे ही घोड़ी बनी खाना बाबा ने अपने मोटे लन्ड को मेरी चूत में दाखिल किया, मेरी तो चीख निकल गई,इतना मोटा लुंड मेरी चूत में पहले कभी नही गया,अब खान बाबा ने लन्ड को अंदर बाहर करना शुरू किया,
अब दर्द खत्म हो गया और मज़ा शुरू हो गया,खान बाबा ने मेरी एक चूत को एक स्टाइल में चोदा,फिर थोड़ी देर में उनका माल निकल गया, वो मेरे बूब्स को दबाते हुए अलग हुए, उस दिन से हम हर रोज चुदाई करने लगे……
Note: कहानी सत्या घटना है केवल नाम ओर स्थान बदले हुए हैं…desi adult stories