हैलो दोस्तों मेरा नाम नीरज है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं, मैं देखने में हैंडसम हूं,मेरे लिंग का आकार 7 इंच और 3 इंच मोटा है,अब आप अंदाज़ा लगा सकते है के कितना मोटे मेरा लिंग हैं,
मैं अब तक कई लड़कियों की चुदाई कर चुका हूं,जिसमें कुछ शादीशुदा भी थी,मुझे ज़्यादातर भाभियों की चुदाई करने में मज़ा आता है,आज मैं आप मेरे जीवन की असली घटना बताने जा रहा हूं,
ये घटना आज 15 साल पहले की है,जब मैं कॉलेज में था,मेरे पिता जी कोल्ड स्टोर के मालिक है,वही जिसमें आलू और बाकी की सब्जियां रखी जाती थी, स्टोर में बहुत सी औरतें कम करने आती थी,
आप सभी मेरी कहानी Fantasystories.in पर पढ़ रहे हैं, यहां पर आप को रिश्तों में चुदाई, दोस्त की हॉट मॉम की चुदाई,मेरी हॉट चाची,लेस्बियन सेक्स स्टोरी, देसी गांव की सेक्स स्टोरी, थ्रीसम सेक्स स्टोरी,मिलफ मॉम स्टेप मॉम सेक्स स्टोरी, देवरानी जेठानी का प्यार पढ़ सकते है,
मैं भी कभी कभी स्टोरी घूमने जाया करता था, वहां काम कर रही औरतों में से एक थी जिसका नाम मंजू था, उम्र 38 साल की थी,देखने में 18 की लगती थी,गोरा रंग बड़े बड़े बूब्स,उसको देख कर ही खड़ा हो जाता था,
मंजू हमेशा साड़ी पहनती थी वो भी दीप ब्लाउज़ के साथ,काम करते समय मंजू का पल्लू गिरता तो उनके बूब्स के दर्शन हो जाते थे,फिर तो ये मेरा रोज़ का हो गया,किसी न किसी बहाने में स्टोर पर घूमने आ जाता था,
फिर एक दिन मेरे पिता जी कोल्ड स्टोर नहीं आए और मुझे भेज दिया,सब काम देखने के लिए,उस दिन मंजू ने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी,क्या मस्त लग रही थी,मेरा तो देख कर खड़ा हो गया था,
आप सभी मेरी कहानी Fantasystories.in पर पढ़ रहे हैं, यहां पर आप को रिश्तों में चुदाई, दोस्त की हॉट मॉम की चुदाई,मेरी हॉट चाची,लेस्बियन सेक्स स्टोरी, देसी गांव की सेक्स स्टोरी, थ्रीसम सेक्स स्टोरी,मिलफ मॉम स्टेप मॉम सेक्स स्टोरी, देवरानी जेठानी का प्यार पढ़ सकते है,
मैंने सब औरतों को एक तरफ और मंजू को मेरी तरफ काम करने को बोला दिया,कुछ देर बूब्स को देखने के बाद मैंने बोला मंजू भाभी आप मेरे साथ चलो पिता जी ने बोला है कुछ सब्जियां बिखरी हुई है तो उन्हें समेटने,
कोल्ड स्टोर दो माले का बना हुआ था,मंजू को मैने बोला ऊपर जाओ और जो फल सब्जियां बिखरी हुई है,उन्हें समेट कर रख देना,मंजू ऊपर गई और अगले पल ऊपर से बोली यहां सब ठीक है,सब अपनी जगह पर है,
मैने बोला अच्छा फिर नीचे आ जाओ पिता जी ने शायद कल इक्कठा करवा दिया होगा,जिस सीढ़ी से मंजू ऊपर गई थी,वो लकड़ी की थी तो वो नीचे उतरने लगी, मैंने सीढ़ी को पकड़ रखा था ताकि वो फिसले ना,
तभी मंजू की साड़ी आखरी के दण्डों में फस गई, मंजू जैसे जैसे नीचे आ रही थी वैसे वैसे उसकी साड़ी ऊपर होती जा रही थी,साड़ी इतनी ऊपर हो गई के मंजू की जांघें दिखने लगी,
आप सभी मेरी कहानी Fantasystories.in पर पढ़ रहे हैं, यहां पर आप को रिश्तों में चुदाई, दोस्त की हॉट मॉम की चुदाई,मेरी हॉट चाची,लेस्बियन सेक्स स्टोरी, देसी गांव की सेक्स स्टोरी, थ्रीसम सेक्स स्टोरी,मिलफ मॉम स्टेप मॉम सेक्स स्टोरी, देवरानी जेठानी का प्यार पढ़ सकते है,
इतनी गोरी टांगे देख कर तो मेरा लन्ड खड़ा हो गया, मंजू थोड़ा शर्मा कर अपनी साड़ी ठीक करने लगी,मैंने कहा साड़ी आप की फस गई थी,अगले पल मैंने कहा भाभी आप बहुत खूबसूरत हो,वो मुस्कुराते हुए चली गई,
थोड़ी देर बाद देखा तो मंजू पानी वाली पाइप के नीचे काम कर रही थीं, बाकी औरतों से थोड़ा दूर थी, मैंने पानी का बटन दबा दिया और मंजू पूरा भीग गई,फिर मैंने पानी के स्विच को बंद कर दिया,ये दिखाते हुए के किसी ने अनजाने में पानी का स्विच ऑन कर दिया था,
मैं मंजू के नज़दीक गया तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गई, मंजू पूरी भीगी हुई थी और उसका एक एक अंग साफ दिखाई देने लगा, ब्लाउज़ के ऊपर से ही उसके दोनों बूब्स के निप्पल साफ दिखाई दे रहे थे,मेरी नज़र जैसे निप्पल पर चिपक सी गई,
आप सभी मेरी कहानी Fantasystories.in पर पढ़ रहे हैं, यहां पर आप को रिश्तों में चुदाई, दोस्त की हॉट मॉम की चुदाई,मेरी हॉट चाची,लेस्बियन सेक्स स्टोरी, देसी गांव की सेक्स स्टोरी, थ्रीसम सेक्स स्टोरी,मिलफ मॉम स्टेप मॉम सेक्स स्टोरी, देवरानी जेठानी का प्यार पढ़ सकते है,
मंजू ने मुझे उसके बूब्स को देखते हुए नोटिस कर लिया,फिर उसने अपने पल्लू को नीचे कर के पानी को निचोड़ने लगी,उसके बूब्स ब्लाउज़ से बाहर आने को मचल रहे थे, मैं उसके नजदीक जा कर उसके गालों को चुने लगा, इतने में वो मुझ से लिपट गई,
मैंने भी मंजू की अपनी बाहों में भर लिया, उसके होठों को चूमने लगा,उसने ज़रा भी विरोध नहीं किया,उसके गिले गालों पर चूमने लगा,वो अहा अहा ऊंह हम्म्म करने लगी,उसके दोनों बूब्स को दबाते हुए अपने हाथ को ब्लाउज़ में डाल दिया,
उसके निप्पल को दबाने लगा,मैं उसे थोड़ा अंदर की तरफ ले गया, ताकि हमें कोई भी देख न सके,उसके ब्लाउज़ को खोल कर दोनो चुचियों को आज़ाद कर दिया,क्या मस्त चूचियां थी,उसके होठों को अपनी जुबान से चाटने लगा,
वो पूरी तरह से लन्ड लेने के लिया तैयार हो गई,फिर मैंने लन्ड को बाहर निकाला और उसकी टांगो को फैला कर मेरे लन्ड के सुपाड़े को चूत पर रख धकेला,वो अहान आहान करने लगी,फिर मैंने एक झटके से लन्ड को अन्दर डाल दिया,फिर चुदाई शुरू कर दी,
कुछ झटके मारने के बाद लन्ड अच्छे से जा नहीं रहा था,फिर मैंने मंजू को दीवार के साथ खड़ा कर के उसकी एक टांग मेरे कंधों पर रख लिया और फिर लन्ड को उसकी चूत में दाखिल किया,इस बार लन्ड अच्छे से अंदर गया,फिर हम दोनों को चरम आनंद प्राप्त होने लगा,
अब मंजू अहान ऊंह अहा आह ओहह्ह्ह करने लगा,कुछ देर ऐसे ही चुदाई करने के बाद ,फिर दूसरी अवस्था में आ गए,फिर थोड़ी देर चुदाई करने के बाद मेरा झड़ गया,सारा माल मंजू की चूत के छोड़ दिया,कहानी को अंत तक पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद..
Note: ये कहानी सत्या घटना है केवल नाम और स्थान बदले हुए हैं….