दो देवरों की एक भाभी Part 1 – indiasex stories

अब कई महीने ऐसे ही बीत गए बिना चुदाई के मुझे अब लन्ड को प्यास लगने लगी,मेरा भी राहुल को देखने का नज़रिया बदल गया,अब उसका छूना मुझे भी

नमस्कार दोस्तों मैं माही कौर पंजाब की रहने वाली हूं,मेरी शादी को अभी दो साल हुए थे, मेरी फैमिली में सब अच्छे है मतलब मेरे सास ससुर और मेरे पति,मेरे दो देवर हैं एक नाम राहुल और दूसरा साहिल है,

कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं थोड़ा अपने बारे में जानकारी दे देती हूं, मेरे बूब्स ३३ कमर २८ और गांड ३४ हैं,मेरा मस्त फिगर देख कर किसी का भी मन मचल जाए,अब कहानी पर आते है,मेरी शादी के पहले साल से मैंने नोटिस किया के राहुल मुझे उस नज़र से देखता है,

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जब भी मैं घर में अकेली होती तो राहुल मौका देख कर मुझे पीछे पकड़ लेता और बोलता भाभी आप को डरा दिया, कभी कभी तो गुदगुदी करने लगता मेरी कमर पर और कई बार ऐसा हुआ हैं,

उसने मेरे बूब्स को भी दबाया हैं लेकिन सॉरी बोल कर चला जाता था, मेरे पति मेरी चुदाई करते थे लेकिन उनके बिसनेस की वजह से वो बीच में बहुत व्यस्त रहने लगे रात को देरी से घर आने लगे और कभी कभी तो घर ही नहीं आते थे,

अब कई महीने ऐसे ही बीत गए बिना चुदाई के मुझे अब लन्ड को प्यास लगने लगी,मेरा भी राहुल को देखने का नज़रिया बदल गया,अब उसका छूना मुझे भी अच्छा लगने लगा,फिर एक दिन दोपहर के समय घर में कोई नहीं था राहुल मेरे कमरे में आया,

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मैंने उस समय साड़ी पहनी हुई थी, मैं झुक कर बिस्तर ठीक कर रही थी, राहुल ने मेरी कमर पर चूंटी कटी,मुझे दर्द तो नहीं हुआ लेकिन मेरी वासना को भड़का दिया,जैसे किसी चिंकारी पर पेट्रोल डाल दिया जाता है,

मैं शान्त हो कर खड़ी थी,राहुल ने देखा मैंने कोई प्रतिक्रिया नही की तो उसने मुझे दोबारा से चूंटी कटनी चाही लेकिन इस बार मैंने राहुल का हाथ पकड़ लिया और अपने कमर पर रोक दिया और धीरे धीरे अपनी नाभि पर ले गई,राहुल भी मेरी ओर बढ़ने लगा,

उसने मुझे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया,उसके दोनो हाथों को मैंने अपने पेट पर रखा हुआ था,फिर उसने हाथों को धीरे धीरे मेरी चुचियों की ओर बढ़ाना शुरू किया,वो ब्लाउज़ के ऊपर से मेरे बूब्स को दबाने लगा,

जैसे ही उसका हाथ मेरे बूब्स पर लगा मैं गीली हो गई,जैसे आइसक्रीम पिघलने लगती हैं ठीक वैसे ही,क्यों कि कई दिनों से चुदाई न होने के कारण मेरा बदन तड़प रहा था, राहुल दोनो हाथों से मेरे बूब्स दबाए जा रहा था,

मेरे मुंह से अहान ऊंह हम्म्म के सिवा कुछ भी नहीं निकल रहा था, फिर राहुल ने मेरे एक पैर को बेड पर रखा और धीरे धीरे साड़ी को ऊपर करने लगा, मेरी जांघों तक साड़ी ऊपर करने के बाद जांघों पर अपने हाथों से सहलाने लगा,

उसका स्पर्श इतना कामुकता से भरा हुआ था के क्या बताऊं, मैं उसके इशारों पर नाचने वाली कठपुतली बन चुकी थी, वो जिस दिशा की और मेरे जिस्म को मोड़ता में उसी दिशा में हो जाती,

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राहुल ने अलग ही अंदाज़ मेरे ब्लाउज़ के बटन को एक एक करके खोला शुरू किया,आज उसने मुझे चोदने का पूरा प्लान बनाया हुआ था, ब्लाउज़ खोलने के बाद राहुल ने मेरे बूब्स चूमना शुरू किया,

उसका एक एक चुम्मन मेरे बदन की आग को भड़काता गया, मैंने भी उसको कसके गले लगाया और उसके होठों को चूमने लगी,उसके दोनो होठों पर अपनी जुबान से चाट रही थी,

उसकी आंखे बड़ी हो गई मानो कह रही हो के भाभी आप ने तो कमाल ही कर दिया,फिर उसने भी सेम वैसा ही किया जैसा मैंने उसके होठों के साथ किया,दोनो इतने गर्म हो चुके थे के हमें पसीना आने लगा,जब के ऐसी ऑन था,

राहुल मेरे होठों की प्यास बुझाने के बाद मेरे दोनो बूब्स को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगा और मैं ओह अहा ऊंह करते हुए बेड पर लेट गई,वो बारी बारी से मेरे दोनो बूब्स को चूसने लगा,मानो आज सारा दूध पी जाएगा,

राहुल मेरे निप्पल को मुंह में डाल कर अपनी जुबान से चाट रहा था, इतना मज़ा आ रहा था के क्या ही बताऊं ,मैं अपनी दोनो आंखें बंद कर के चरम आनंद का सुख भोग रही थी,राहुल धीरे धीरे मेरी साड़ी को भी उतार चुका था, आगे की कहानी अगले भाग में

Note ये कहानी सत्या घटना है केवल नाम और स्थान बदले हुए हैं….

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