पड़ोस वाली भाभी को पटाया indiasex stories

पड़ोस वाली भाभी को पटाया, मेरा नाम परकाश है मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं, मेरे घर साथ जो रहते थे। उनके दो बेटे थे

मेरा नाम परकाश है मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं, मेरे घर साथ जो रहते थे। उनके दो बेटे थे, उनके साथ मेरी बड़ी बनती थी मैं भी उनको भईया बोला करता था,

उस समय मेरी उम्र 16 थीं, दोनों में से एक का नाम रमेश था, कुछ दिन बाद उनकी शादी हो गई जिस वजह से मैनें उनके घर जाना बंद कर दिया, क्योंकि मेरी फेमिली वालो ने बोला था के अब जाना ठीक नही,

मैं जब भी स्कूल जाता था तो रमेश भईया के घर की तरफ देखता जाता था, भाभी हमेशा घूंघट डाल कर रखती थीं, मगर भी बाकी की बॉडी मस्त थी, बड़े बड़े कूल्हे जो साड़ी में उभरे हुए रहते थें, कई दिन साल ऐसे ही बीत गए,

रमेश भईया का एक बेटा भी हो गया, अब मेरी भी उम्र 20 हो गई थीं, इन 4 सालो में मैंने बहुत सी लड़कियों को चोदा उनकी कहनी फिर कभी सुनाऊंगा, इतने सालो में भाभी ओर मेरी ज़्यादा बात नही हुई, बस कभी कभी कुछ नोर्मल बाते हुई थी,

एक दिन मैं घर के बाहर अकेला बैठा था तभी रमेश भईया का लड़का खेलता हुआ मेरे पास आ गया, वो इतना छोटा के चलने लगा था मगर अच्छे से बोल नही पता था, कुछ बता रहा था मगर मुझे समझ नही आया तो मैंने उसे उठाया ओर उसके घर छोड़ने के क्या गया तो दरवाजा बंद था,

मैंने आवाज लगाई रमेश भईया पर कोई जवाब नही आया फिर मैने दरवाजे को थोड़ा धकेला तो खुल गया, मैं जैसे ही अंदर गया मेरी आंखे फटी की फटी रह गई, क्योंकि भाभी नहा रही थी, उनके बदन पर एक भी कपड़ा नही था, बड़े बड़े बूब्स लंबे कमर तक बाल क्या हॉट सेक्सी बॉडी थी,

मुझे देखते ही भाभी घबरा गई और सड़ी से अपने बदन को छुपाने लगी, मैंने कहा माफ करना भाभी मुझे नही पता था के आप नहा रही हो, ये शरारती कुछ बोल रहा था, मुझे कुछ समझ नही आया ये बोल कर मैं बाहर आ गया,

फिर भाभी के बारे में सोचने लगा उनके बूब्स बार बार आंखे के सामने आ रहे थे, उनके नाम की मुठ मारी, फिर अगले दिन दोपहर के समय ममैं घर के बाहर छाया में लेता हुआ था, भाभी अपने घर के बाहर नल से पानी भरने आई,

मेरी नजर भाभी के ऊपर थी, पानी भरते समय भाभी मुझे देख रही थी, फिर जाते समय मुस्करा कर चली गई, मैंने सोचा अब तो भाभी को कैसे भी चोदना है, कुछ दिन ऐसे ही बीत गए,

फिर वो दिन आ ही गया जिसका मुझे इंजतार था, दोपहर के 12 बजे समय था, भाभी और मेरे घर वाले सभी खेत में काम करने गए हुए थे, भाभी ने मुझे बुलाया, मैं घर के अंदर गया सिर्फ भाभी थी, उनका बेटा भी सो रहा था, मैनें पूछा हां भाभी बोलो,

तो बोली सदूक का ताला तोड़ना था इसकी चाबी गुम हो गई हैं, मैंने कहा ठीक है ओर ताला तोड़ने की कोशिश करने लगा, भाभी ने पीले रंग की सारी पहनी थी और काले रंग का ब्लाउज़, मेरी नजर उनके ब्लाउज़ पर ही थीं, फिर मैने बोला भाभी एक बात पूछूं अगर आप गुस्सा ना करे तो, भाभी बोली हां पूछो ना ,

मैने कहा अगर कोई अच्छा लगे और उसे बताना हो तो क्या करना चाहिए, भाभी बोली सीधा बोल दो, फिर मैंने कहा अगर वो शादी शुदा हो तो, फिर भाभी बोली कोई बात नही फिर भी बोल देना चाहिए, मैनें कहा भी आप भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो, आप के बाल आप के गाल,बहुत सुन्दर है,

भाभी ये सब सुनकर मेरे नज़दीक आ गई बोली अच्छा और क्या अच्छा लगता है मुझ मैं, मैने कहा बताऊंगा लेकिन छू कर , बोली ठीक है, इतना सुनते ही मैंने भाभी के बूब्स पर हाथ रखते हुए कहा ये भी बहुत पसंद है, हाथ को धीरे धीरे उनकी नाभी तक ले गया ओर कहा ये भी बहुत पसंद है,

फिर भाभी गहरी सांसे लेने लगीं, फिर बोली और क्या अच्छा लगता है मुझ मैं, मैने कहा इस बार चूमकर बताऊंगा, मैने भाभी की सड़ी उतार दी और पेटीकोट को ऊपर किया और उनकी गोरी गोरी जांघों को चूमते हुए कहा ये भी बहुत पसन्द है,

भाभी गर्म हो चुकी थीं, फिर उनकी चूत के ऊपर चूमने लगा और कहा ये भी बहुत पसंद है, भाभी उम्मम्मम उम्मम्म हां हां करने लगी, फिर में नाभी की तरफ बढ़ा अब मैने बोला बंद कर दिया, भाभी का ब्लाउज़ उतारा और बूब्स को मसलने लगा कभी अपने मुंह से चूसता कभी मसलता,

फिर मैने भाभी को खड़ा किया और पीछे से उनकी गांड की दरार में अपने लंड को फेर रहा था, फिर घोड़ी बना कर पीछे से चोदने लगा, भाभी गहरी आवाज़ में हां हां ऊं उह उह हंहा हंहाऊ करने लगी, फिर थोड़ी देर बाद मेरा माल निकल गया और मैंने भाभी को चूमते हुए कहा जल्दी ही आऊंगा फिर अपने घर वापिस आ गया.

Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories

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