मेरा नाम सोनू है और मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से का गांव का रहने वाला है मेरी फेमिली में 5 लोग है, मेरी मां पापा और मेरे दो भाई जो मुझ से बड़े है, उन दिनों में बारवी कक्षा में था, मेरे बड़े भईया की शादी को दो महीने हो गए थे, मेरी भाभी बहुत हॉट थीं उसका नाम सुनीता था,
फिगर 38,28,36 है, वो हमेशा साड़ी को नाभी के नीचे बांधती थीं मैं हमेशा उनकी नाभी को देखा करता था, छोटी सी गहराई गोल थी, सुनीता ने भी मुझे कई बार नोटिस किया है के मेरी नजर उनकी नाभी पर रहती हैं, लेकिन कभी कुछ बोली नही,
एक बार की बात हैं दोपहर में घर में कोई नही था मैं स्कूल से घर आया तो सुनीता सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में घूम रहीं थी, मुझे देख कर बोली गर्मी बहुत हैं इस लिए कुछ नही पहना और घर में भी कोई नही है, शायद सुनीता को लगता था मैं बच्चा हूं इस लिए मेरे सामने ऐसे रहने में शर्म नही करती थी,
मेरे भईया की खुद की दुकान है वो सुबह जाते थे तो शाम को ही घर आते थे,एक बार सुनीता को मायके जाना था ओर से सुबह से भारी बारिश हो रही थीं, भईया बोले आज रहने दो फिर कभी चली जाना,
बोल कर भईया दुकान के लिए चले गए, कुच घंटे बाद बारिश थम गई,तो सुनीत जाने के लिए तैयार हो गई भईया को फोन किया तो उन्होंने गुस्से में बोला ना फिर कभी चली जाना ओर फोन काट दिया,
फिर सुनीता थोड़ा उदास हो गई, मेरी मां ये सब देख रही थी, बोली कोई बात नही तुम्हे सोनू छोड़ देगा, मैने बोला ठीक है, उस दिन सुनीता ने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थीं, मैंने बाइक निकाली सुनीता एक बैग था जिसमे सभी कपड़े वगैरा थे उसे आगे रख लिया और सुनीता मेरे पीछे बैठ गई,
रास्ता कच्चा था और घना जंगल भी था, मैं बाइक को खद्दो के बीच से लेकर जा रहा था ताकि सुनीता के बूब्स के मज़े ले सकू, वो बार बार मेरी पीठ पर लग रहे थें,
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, तभी अचानक एक बड़े खड्डे की वजह से मेरा बैलेंस बिगड़ गया ओर दोनों रोड पर गिर गए, रोड पर पानी की वजह से सुनीता पूरी तरह भीग गई ,
भीगने के बाद सड़ी उसके बदन से चिपक गई और ट्रांसप्रेंस हो गई , उनकी नाभी साफ साफ दिखाई दे रही थीं,नाभी से ऊपर देखा तो दोनो बूब्स के निपल भी साफ साफ दिखाई दे रहे थे, फिर मैने बाइक उठाई साइड में लगा कर बोला आप कपड़े बदल लो एक पेड़ की तरफ इशारा किया,
तो सुनीता दूसरी सड़ी लेकर पेड़ के पीछे बदलने चली गई , मैंने दोनो तरह देखा दूर दूर तक कोई भी नही था, मेरे दिमाग में आइडिया, सुनीता अपने कपड़े एक एक कर के निकल रही थी,
जैसे ही वो पूरी तरह बिना कपडे हुईं में उसकी तरफ भागा और चलाया भाभी इधर सांप आया है, ये सुनकर सुनीत जो बिना कपड़े के थी डर के मुझ से लिपट गई, मैंने भी उसे अपनी बांहों में भर लिया ,
पीछे से दोनो कुल्हो को दबाने लगा तो वो मुझ हैरानी से देखने लगी, मैंने उसके होठों को छुपा शुरू कर दिया वो इतने में गरम हो गई और मेरा पूरा साथ देने लगी, होठों को चूमते हुए उसकी जबान को भी चूस रहा था,
फिर मैं उसे थोड़ा जंगल की ओर ले गया, अच्छी सी जगह देखी जहा पर थोड़ी घास और सुखी हो, फिर सुनीता को नीचे बिठा कर दोनो बूब्स को चूमने लगा, हल्के गुलाबी निप्पल थे,
दोनो को एक साथ मुंह में डालकर चूसने लगा वो तो अपने चरम पर थी, फिर मैने अपना लंड निकला और सुनीता को बोला सहलाने के लिए वो अपने दोनो हाथो से सहलाने लगी मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था,
फिर मैंने बोला मेरे लंड पर किस करो उसने झुक कर किया और मुंह में डाल लिया, ऐसे चूसना शुरू किया जैसे कोई अंग्रेजी फिल्म में लड़कियां करती है, मैं ज़मीन पर लेट गए,
सुनीत मेरे लंड अच्छे से चाट रही थी जैसे कुल्फी, फिर वो मेरे उपर चढ़ गई गांड को मेरी तरफ ओर बूब्स को मेरे पैरो की तरफ, और गांड को जोर जोर से हिला कर झटके मरने लगे, मैं तो आंखे बंद कर जन्नत के मज़े ले रहा था, फिर मेरा माल निकल गया…
Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories