हेलो दोस्तों मैं सोनू फिर से हाज़िर हूं आप लोगो के लिए कहानी का दूसरा भाग ले कर, कृपया पहले भाग को ज़रूर पढ़े ताकि आप सभी को कहानी भी समझ आ जाए और मजा भी ज्यादा आए,
मेरा माल निकलने के बाद हम दोनो ने कपड़े पहने और घर की ओर आ गए, हम दोनो से मतलब मैं और सुनीता भाभी,
अब हम भाभी के घर पहुंच गए ,घर पहुंच कर हमारी हालत देख कर सभी लोग घबरा गए, मैने सभी को बोला कुछ नही हुआ बस बाइक फिसल गई थी लेकीन चोट किसी को नहीं लगी,
चिंता मत कीजिए बोल कर मैं अंदर चला गया और भाभी भी अंदर आ गई,भाभी ने सब के सामने मेरे लंड के ऊपर हाथ फेरा लेकीन किसी का ध्यान नही गाया, मैं तो घबरा गया था,फिर मैं नहाने चला गया,
भाभी के घर का बाथरूम घर के पीछे था, मैं नहा ही रहा था के कुछ देर बाद भाभी बहाने से मेरे बाथरूम के बाहर आ गई और मुझे बुलाने लगी ताकि किसी को शक ना हो, आते ही मेरे लंड को सहलाने लगी और बोलने लगी बहुत दिन से ऐसे मौके की तलाश में थी,
मैने कहा अच्छा अगर ऐसा था तो कभी भी इशारा देती तो में समझ जाता इतने में भाभी ने अपने बूब्स को बाहर निकाल दिया और बोला काई बार तुझे मैने अपनी चुचियों दिखाने की कोशिश की इस लिए मैंने ब्रा भी नही पहनी थी,
लेकिन तू कभी नही समझ पाया हमेशा मुझे ताड़ता रहता था बस ये सब बाते चल रही थी, तभी भाभी को किसी ने बुलाया और भाभी चली गई,मैने भी जल्दी से नहा लिया,
जब से भाभी और मेरे बीच रास्ते में चुदाई हुई है तब से भाभी मुझ से चुदाने के लिए तैयार रहती है वो अलग बात है उसके बाद अभी तक मौका नही मिला,फिर शाम को सभी घर वाले एक साथ बैठे बाते कर रहे थे,
तभी सुनीता भाभी मेरे पास आ कर खड़ी हो गईं थोड़ा हसी मज़ाक भी हो रहा था तभी मैंने मेहसूस किया के मेरी कोहनी पर भाभी की गांड का स्पर्श हो रहा था,मुझे लगा शायद गलती से हो गया,
मैने अपने हाथ को अपनी ओर कर के थोड़ा अच्छे से बैठा,फिर से वही स्पर्श हुआ तो मैने भाभी की तरफ देखा तो भाभी ने मुझे आंख मरते हुए मुस्कराने लगी,तब मैं समझ गया ये शरारत भाभी की है,
फिर कुछ देर बाद रात के खाने पर सभी लोग बैठ गए भाभी सभी को खाना परोस रही थी, मैं सोच रहा था अब यह पर भाभी को कैसे चोदा जाए अब तो मुझ से भी रहा नही जा रहा,इतने में भाभी ने खाना परोसते समय अपने चुचियों को मेरे कंधे के ऊपर दबाने लगी,
मेरा लंड जो पहले ही खड़ा होने के लिए मचल रहा था वो एक तोप की तरफ खड़ा हो गया, अच्छा हुआ के ऊपर टेबल थी वरना सभी को पता चल जाता,फिर खाना परोसने के बाद भाभी भी खाने के लिए मेरे पास बैठ गई,
खाते समय भी भाभी कहा चुप रहने वाली थी,एक हाथ से निवाला खाती तो दूसरे हाथ से मेरे लंड को नीचे से पकड़ कर आगे पीछे कर रही थी, भाभी को तो किसी बात डर नही था, लेकीन मेरी तो फटी पड़ी थी, मैं सोच रहा जब तक कोई अच्छा सा मौका न मिले तब तक चुप रहना ही ठीक है,
मैंने किसी तरह खुद को संभाला और खाना खाने के बाद सोने की बारी आई,मेरे घर वालो को बोला मैं छत पर सोना चाहता हू क्यू की सफर में थक गया हूं तो घर वाले मान गए,
रात को 12:30 बजे भाभी मेरे पास आई सिर्फ नाइटी पहने हुए अंदर ना पेंटी ना ब्रा आते ही मेरे ऊपर लेट कर मुझे चूमने लगी, मैंने भी भाभी को जकड़ लिया और पूरे दिन की कसर पूरी करने लगा,दोनो बूब्स को एक साथ बारी बारी से जीभ से चाटने लगा,
भाभी तो पहले ही गरम थी,मैने दोनो टांगे फेला कर लंड को लेटे हुए ही चूत में दाखिल कर दिया और अंदर बाहर करने लगा, दस मिनट चुदाई के बाद में झड़ गया,थोड़ा आराम करने के बाद भाभी ने मेरे लंड को मुंह के डाल कर फिर से खड़ा कर दिया,
फिर से चुदाई शुरू हुई उस दिन मैंने भाभी को 3 बजे तक चोदा और तकरीबन पंद्रह दिन उनके घर में था, हर रात चुदाई करते थे…
अब आप भी हमें अपनी कहानी भेज सकते हैं आप को पहचान को गुप्त रखा जायेगा..
Note: कहानी सत्या घटना है केवल नाम ओर स्थान बदले हुए हैं…desi adult stories