शहर से आई Cousin Sister के साथ रोमांस indiasex stories

हेलो दोस्तों मेरा नाम रितिका है और मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे गांव की रहने वाली हूं,मेरे स्तन 34 और कूल्हे 36 के है...

हेलो दोस्तों मेरा नाम रितिका है और मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे गांव की रहने वाली हूं,मेरे स्तन 34 और कूल्हे 36 के है,यह फैमिली सेक्स स्टोरी है,

ये घटना आज से आठ साल पहले की हैं, ये लेस्बियन रोमास स्टोरी है, आप सभी मेरी कहानी को Fantasystories.in पर पढ़ सकते है, ये कहानी मेरी बुआ की लडकी के साथ हुई घटना है,

मेरी बुआ की लडकी का नाम अनामिका है और वो देखने में मुझ से ज़्यादा खुबसूरत थी,उसका बदन गोरा सफेद बिलकुल दूध की तरह था, लम्बे बाल नीली आंखें स्तन तो मुझ से भी बड़े थे,

मेरे पिता जी गांव में रहते थे और बुआ की शादी के बाद वो शहर चली गईं उसके बाद बस एक दो बार ही गांव आई थी, फिर कई सालो बाद बुआ हमसे मिलने आई,बुआ उनका पति और उनकी बेटी अनामिका,

उस वक्त्त अनामिका की उम्र 18 साल की थी, शहर में रहने की वजह से वो थोड़ा ज्यादा ही खुले विचारों वाली थी,क्यू की उसको लड़के नही लड़किया अच्छी लगती थी,जब वो पहली बार मुझ से मिली तो मुझे दीदी दीदी बोल कर मुझे गले मिली और मेरे गालों पर चूम लिया,

मुझे थोड़ा अजीब तो लगा फिर मैंने सोचा मॉडर्न लड़की है शायद शहर में ऐसे ही सब मिलते है,गले लगने के साथ साथ अनामिका मेरे मेरे स्तन को भी नापने लगी, क्यू की जिस तरह वो अपने सीने को मेरे सीने से मिला रही थी ऐसे तो कोई गले नही मिलता,

फिर अगले दिन बुआ मां के साथ गांव के लोगो से मिलने के लिए चली गईं और मेरे पिता जी भी फूफा जी के साथ बाज़ार चले गए, घर में सिर्फ मैं और अनामिका ही रह गए थे, अनामिका बोली दीदी मुझे नहाना हैं,

ऐसा बोल कर वो बाथरूम में चली गईं, हमारे घर का बाथरुम ऐसा था के तीनो तरफ से दीवार और सामने की तरफ़ चादर से लटका रखी थी ताकि पर्दा किया जा सके, अनामिका को गए हुए बहुत देर हो गई थी,वो ठंडे ठंडे पानी का मजा ले रही थी,

मैं उसे बुलाने गई ताकि वो नाश्ता कर सके और मैने देखा सामने की चादर अच्छे से ढकी हुई नही थी और अनामिका अपने पूरे कपड़े उतार कर अपने गोरे गोरे बदन पर पानी डाल रही थी और अपने बूब्स को खुद ही दबा रही थी, बाथरूम में ठंडा होने गई लेकिन गर्म हो गई थी,

उसके बदन को देख कर मैं भी सब कुछ भूल कर उसे ही देखने लगी, तभी उसने मुझे देखा और बोली अरे! दीदी आप कब आई आइए दोनो साथ में नहाते है, मैने कहा अनामिका पहली बात ये शहर नही है गांव हैं यहां पर इस तरह मत नहाना हम यह कपड़े पहन कर नहाते हैं,

मेरे सब बोलने पर मुझे लगा वो नाराज़ होगी लेकिन मेरी बातें सुनकर मुस्कुराने लगी और बोली ठीक है अगली बार ऐसा नही करूंगी और तुम्हारे ओर मेरे अलावा यह कोई नही है, ये सब बोल कर मुझे अपनी और खींच लिया और मेरे बूब्स पर पानी डालने लगी,

जिस वजह से मेरे कपड़े गीले हो गए और मेरी ब्रा दिखने लगी, अनामिका मेरे बूब्स को सहलाते हुए बोली आप की ब्रा बहुत सुंदर है ज़रा अपना कुर्ता निकालिए मुझे देखना है,उसने जैसे ही मेरे बूब्स को सहलाया न जानें क्यों मैं उसे रोक नही पाई और उसके बोलने पर कुर्ता निकाल फेंका,

वो मेरी ब्रा को नही मेरी चुचियों को देखना चाहती थी जब की उसकी चुचियों मुझे से ज्यादा अच्छी थी और बड़ी भी, फिर मेरे ब्रा में उंगली डाल कर बोली मैटेरियल तो अच्छा है अब धीरे धीरे में भी गरम हो रही थी, उसकी उंगलियां बार बार मेरे निप्पल को छू रही थी,

अब मुझ से रहा नही गया और मैंने अनामिका अपनी ओर खींच कर बाहों में भर लिया और उसके होठों को चूमने लगी, अनामिका को भी इसी पल का इंतजार था क्यू की जिस तरह उसके मुझे पकड़ा था लगा वो भी यही चाहती थी,वो अपने होठों से मेरे होठों दबाने लगीं,

लगता था जैसे जन्मों की

Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories

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