नमस्कार पाठकों मेरा नाम उमेश हैं और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं,आज मैं आप को अपने जीवन की एक चुदाई की घटना बताना चाहता हूं जो कि मेरी बड़ी भाभी और मेरे बीच हुई थी,
बात उन दिनों की है जब मैं स्कूल से पास हो कर कॉलेज चला गया था, मैं हमेशा घर वालो से फोन पर ही बात कर लेता था,कई सालो से मैं घर नही आया था,मेरा मतलब एक या दो साल तो हो गए थे,
मैं जब भी कॉल करता था भाभी मुझे बुलाया करती थी के घर आ जाओ आम का बगीचा भर गया है,अब कोई आम खाने वाला नही है,मेरा भी मन करता था घर आने को लेकिन,मेरी गर्लफ्रेंड की वजह से नही जाता था,
क्यों की मेरी गर्लफ्रेंड हर रोज़ मुझ से चुदाया करती थी, कभी कभी तो कॉल पर ही गर्म हो जाती थी और मेरा पानी निकाल देती थी, खैर छोड़ो कुछ दिन ऐसे ही बीत गए,फिर एक दिन भाभी ने मुझे कॉल किया,
बातें करते समय भाभी ने कहा तुम वीडियो कॉल पर आयो मैं तुम्हें हमारा आम का बगीचा दिखाती हूं,मैने कहा ठीक है भाभी अभी करता हूं, वीडियो कॉल पर मैंने देखा बगीचा पूरा आमों से भरा हुआ हैं,
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ऐसा कोई भी पेड़ नही था जिसके ऊपर आम न लगा हो, मैंने भाभी को कहा भाभी आप तो बहुत ज्यादा लगे हुए, भईया को बोल कर खिचवा लो नही तो नुकसान हो सकता है,
इतनी देर भाभी ने बैक कैमरा से ही सब दिखा रही थी,फिर मैने बोला भाभी आपको भी देखना है कहा हो ,भाभी ने मेरा बात सुनी और सामने वाला कैमरा ओपन किया,भाभी ने बालों को खोल रहा था,
और साड़ी के पल्लू को भी नीचे रहा था जिस वजह से भाभी की बड़ी बड़ी चूचियां मुझे दिखाई दे रही थी,भाभी बोली यहां पर बहुत गर्मी अभी तक बारिश भी नही हुई है,इस लिए बर्दाश्त के बाहर हो गई,
चुचियों को देख कर मेरा लन्ड खड़ा होने लगा, मैंने कहा कोई बात नही भाभी बारिश तो हो ही जाएगी लेकिन आप इस गर्मी में भी बहुत खूबसूरत लग रही हो,भाभी मुस्कुरा कर बोली यहां मैं बेचैन हो रही हूं और,
तुझे मज़ाक सूझ रहा है तू घर फिर तुझे बताऊंगी, मैंने भी बोला भाभी आने का तो मन नही है लेकिन मेरी खूबसूरत भाभी के लिए जरूर आऊंगा,फिर कॉल कट होने के बाद मैंने भाभी के बूब्स के बारे मैं सोचने लगा,
फिर मैंने भाभी के नाम की मुठ मारी और खुद को शान्त किया, भाभी की मुस्कुराहट को देख कर लग रहा था,वो बहुत जल्दी पट सकती है,फिर अगले दिन मैंने कॉलेज में बहाना बनाया और घर वापिस आ आया,
घर पर मुझे देख कर सभी लोग बहुत खुश हो गए, क्यों की बहुत दिनो बाद मैं वापिस आया था,सब लोगो से मिलने के बाद आखरी में भाभी के पास गया जो किचेन में चली गई थी मुझे देख कर,
मैं भाभी के पांव छूने के लिए झुका लेकिन भाभी ने मुझे पकड़ लिया और अपने गले से लगा लिया वो भी कस कर उनकी चुचियों मुझे सोने पर लग रही थी क्या मस्त चूचियों थी,भाभी ने मुझे गालों पर चूम लिया और बोली कैसे हो देवर जी,
मैंने बोला भाभी अब मैं ठीक हूं आप कैसे हो,भाभी बोली मैं तो ठीक हूं तुम क्या बोल रहे हो अब ठीक हूं क्या मतलब मैने कहा अरे कुछ नही भाभी,फिर मैंने बात को बदलने के लिए बोला आप क्या बना रही हो,
मुझे आए हुए कुछ ही समय हुआ है तो मैंने सोचा सब करेंगे लेकिन आराम से और प्लान के साथ ताकि किसी को खबर भी न हो,फिर थोड़ी बातें करने के बाद मैं कमरे मैं चला गया, रात को सब ने मिल कर खाना खाया, मैं थका हुआ था,
इस लिए जल्दी सो गया और अगले दिन थोड़ा देरी से उठा , गांव के लोग सुबह जल्दी उठते है, मैं उठने के बाद फ्रेश होने के लिए जा रहा था तो देखा भाभी वही पर कपड़े धो रही थी,
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भाभी की साड़ी उनके घुटनों के ऊपर थी और पल्लू को कमर पर रखा हुआ था,उनका कामुक तरीके से बैठ कर कपड़े धोते हुए देख कर मेरा लन्ड अंगड़ाई लेने लगा,उनके बूब्स इतने बड़े थे की क्लीवेज की गहराई बहुत लंबी थी,
जैसे किसी की गांड की गहराई होती है,मन तो कर रहा था भाभी को यही गिरा कर चोद डालू लेकिन फिर खुद को मैने किसी तरह से संभाला, उनके बूब्स को मैं बिना पलके झपकाए देख रहा था,
तभी भाभी ने मुझे पुकारा के तुम कहा खो गए,मैने हड़बड़ा कर जवाब दिया अरे वो कुछ नही भाभी मैं तो बस आप को देखने आया था,भाभी बोली अच्छा तो देख लिया या अभी और देखोगे, ये सब बोल कर भाभी हसने लगी,
अब भाभी भी मेरी तरह डबल मीनिंग बातें करने लगी थी, मैंने मन ही मन सोचा चलो अच्छा है,अब भाभी को पटाने में ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ेगी, फिर मैं फ्रेश हो कर नाश्ता करने के बाद आम के बगीचे की तरफ,
जाने लगा भाभी ने मुझे पुकारा रुको मैं भी चलती हुई तुम अकेले मत जाओ मैने कहा ठीक है भाभी आ जाओ,मेरे भईया और पिता जी साथ में व्यापार करते है इस लिए वो सुबह सुबह चले जाते है,
मैं भाभी को बाइक पर बैठा कर हमारे आम के बगीचे की तरफ चलने लगा,रास्ते मैं गांव के लोगो से मिलते हुए मैं जा रहा था,इस लिए थोड़ा देर हो गई और सूरज सिर पर आ गया था,
आगे की कहानी भाग–2 में जारी रहेगी…
Note: कहानी सत्या घटना है केवल नाम ओर स्थान बदले हुए हैं…desi adult stories