गांव की गरमी में चुदाई desi adult stories

हेलो दोस्तों मेरा नाम लखन है और मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं आज मैं आप को हमारे गांव की लड़की की कहानी बताने जा रहा हू, उसका नाम बिमला था..

हेलो दोस्तों मेरा नाम लखन है और मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं आज मैं आप को हमारे गांव की लड़की की कहानी बताने जा रहा हू, उसका नाम बिमला था, देखने में बहुत खूबसूरत थी, कमर उसकी 28 चूचियां उसकी 39 की और गांड 34 की थी,

बात उन दिनों की है जब मैं स्कूल जाया करता था , स्कूल के बाद मैं घर के ही काम करता था और अपने दोस्तों के साथ घुमा करता था, वैसे आप सभी मेरी कहानी Fantasystories.in पर कभी भी पढ़ सकते है,

मेरे दोस्तों की वजह से मैं थोड़ा लड़कियों के मामले में बिगड़ा हुआ हूं , अब सीधा कहानी पर आते है बिमला मेरे गांव में ही रहती थी लेकिन मेरे घर से कुछ दूरी पर उसका घर था,

शाम को मैं अपने दोस्तों से मिलकर लौट रहा था रास्ते में बांस के पेड़ थे जिसमें शायद बीस तीस बांस के पेड़ थे जिसमे से कुछ अजीब सी आवाजें आ रही थी,

मैने पास जाने का सोचा के देखू ये आवाज़ क्या है जाने के बाद देखा बिमला घोड़ी बनी हुई थी और कोई लड़का उसकी चूत मार रहा था ये जो आवाजे आ रही थी,

ये बिमला के कराने की आवाजे थी, ये सब देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया, मैने सोच लिया अब तो मैं भी इसकी जरूर मरूंगा, लड़के का नाम तो नही पता चला लेकिन वो चुदाई करते समय बिमला बिमला चिल्ला रहा था,

उस वक्त मुझे पता चला इस का नाम बिमला है, वो दोनो चुदाई करते रहे और में ये सब देख कर घर आ गया क्यों की सुना था, अगर कोई चुदाई कर रहा है तो उसे परेशान नही करना चाहिए,

घर आ कर मैने बिमला के नाम की मुठ मारी और सुबह पूरा कार्यक्रम अपने सभी दोस्तों को बताया ताकि वो मुझे बिमला को पटाने में मदद कर सके, कुछ ऐसे ही बिमला को देखते हु बीत गए,

फिर एक दिन मैं बिमला के घर के पास से गुजर रहा था बिमला अकेली थी और झाड़ू लगा रहा थी मैं उसे देख कर मुस्कुराने लगा , उसने भी मुझे देखा और इशारे में पूछी के क्या हुआ तुम मुस्कुरा क्यू रहे हो,

मैंने भी अपने सिर को हिलाते हुऐ कहा कुछ नही ,उसने फिर मुझे बुलाया और मेरे पिता का नाम लेकर पूछने लगी के तुम मोहन चाचा के लड़के हो, मैंने बोला हां और तुम बिमला हो ना,

उसने मुझे अजीब नजर से देखा और बोली हां लेकिन तुम्हे मेरा नाम कैसे पता मैं घबरा गया और बोला अरे वो मेरे पिता ने एक बार बताया था, दरअसल बिमला मुझ से पांच साल बड़ी थी,

जब से मैंने उसे चुदाई करवावते देखा है मेरे दिमाग में उसकी चूत ही घूमती रहती थी, फिर पूछने लगी तुम कहा रहते हो मैं तो तुम्हारे घर कई बार आई हूं लेकिन तुम्हे कभी नही देखा,

मैने जवाब दिया मैं स्कूल जाता हूं उसके बाद दोस्तों के साथ रहता हूं, तुमने मुझे नही देखा लेकिन मैं तुम्हे हर रोज़ देखता हूं और मुस्कुराने लगा,ये सभी बातें जब तक चल रही थी मैं सिर्फ उसके दूध को देख रहा था,

हालांकि उसने कुछ नही कहा और आव भाव भी सब ठीक था, फिर मैं घर गया कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए, फिर एक दिन रविवार की सुबह मेरी मां खेत में चली गई पिता जी के साथ, बिमला मेरे घर आई मुसर ( जिससे दान को कूट कर चावल निकाला जाता है) लेने,

बिमला ने पीले रंग के कपड़े पहने हुए थे जिसमे से उसकी काली ब्रा साफ दिखाई दे रही थी, मैं उसे देख कर खुश हो गया, पूछने लगी काकी कहा है मैने बोला मां तो खेत गई है सुबह ही,

तो बोली अच्छा मुझे मूसर चाहिए तुम ला कर दे दो काकी को बता देना मैं ले कर गई हूं,मैने बोला मुझे नही पता कहा है जाओ अंदर ढूंढ लो ,बिमला अंदर गई लेकिन तुरन्त बहार आ गई,

मैने पूछा क्या हुआ तो बोली अंदर बहुत अंधेरा है तुम भी मेरे साथ चलो, गरमी बहुत थी और बिमला पसीने से भीग चुकी थी जिस वजह से उसकी ब्रा अब साफ साफ दिखाई दे रही थी,

मेरा घर बहुत बड़ा था तो उस के साथ में अंदर गया और मुसर ढूढने लगे, मुझे पता था मुसर किस जगह है लेकिन मैं उसे जानबुझकर दूसरे कमरे में ले गया , मैं उसके साथ साथ ही चल रहा था बिलकुल चिपक कर और उसकी गंद मेरे लंड पर महसूस हो रही थी,

बिमला को भी मेरे लंड का स्पर्श महसूस हो रहा था क्यू की बिमला ने बहुत पतले कपड़े पहने हुए थे, फिर मैंने धीरे से अपना हाथ बिमला की कमर की और बढ़ाया और पीछे से धका मारा जिस वजह से बिमला आगे झुकी और मेरे उससे थाम लिया,

मेरा हाथ पहले ही आगे था जिस वजह से बिमला का बदन मेरे हाथों में आ गया ओर उसके चूचियां भी , दोनो चुचियों को मैंने हाथ से मसल दिया और बिमला को उठाते हुए बोला जरा देख कर,

हाथ लगते ही बिमला गरम हो गई और मुझे अजीब नज़र से देखने लगी अब तक बिमला पसीने से भीग चुकी थी तभी उसने अपने ऊपर के कपड़े उतार दिए और बोली बहुत गरमी है यहां,

मैने भी बिना कुछ सोचे बिमला के दूध दबाने लगा ताकि बिमला और गरम हो जाए, बूब्स को दबाते हुए मैंने एक हाथ बिमला के सलवार में डाला और उसकी गीली चूत को और गीला करने लगा,

बिमला कसमसा उठी और बोली कुछ मत करो बस लंड को अंदर डाल दो बहुत देर से सबर कर रही थी, मैंने सोचा अच्छा लगता है ये पहले ही गरम हो कर आई थी, मैने भी उसे सीधा घोड़ी बनाया और लंड से उसके चूत को ठोकने लगा,

लगातार चोदने के बाद मेरा माल निकल गया और हमने कपड़े पहने ,बाहर आने के बाद बिमला ने बताया वो भी मुझ से चुदाई कराने के लिए इंतजार कर राही थी,

Note: कहानी सत्या घटना है केवल नाम ओर स्थान बदले हुए हैं…desi adult stories

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