गांव की शादी में चुदाई indiasex stories

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम संजय है मैं दिल्ली का रहने वाला हूं, मेरे लंड का साइज़ 7.2 इंच हैं अब तक मैंने कई लड़कियों की चूत की प्यास बुझाई है.

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम संजय है मैं दिल्ली का रहने वाला हूं, मेरे लंड का साइज़ 7.2 इंच हैं अब तक मैंने कई लड़कियों की चूत की प्यास बुझाई है, लड़की को देख कर बता सकता हूं वो देगी के नही,

आज मैं अपने जीवन की एक घटना बताने जा रहा हूं, बात आज से 15 साल पहले की है, गांव की लड़की गरम कहानी आप Fantasystories.in पर पढ़ सकते है,

मेरा एक दोस्त जिसका नाम रवि था उसके भाई की शादी होने वाली थी तो वो मुझे अपने साथ उसके गांव ले गया, ताकी हम दोनो शादी के कामों में हाथ बटा सके,उसका गांव बरेली में था,

शादी को दो दिन रह गए थे तो हम दोनों दो दिन पहले ही पहुंच गए,रवि की बहुत सरिया Cousins भी आई हुई थी लेकिन मुझे कोई भी पसंद नही थी,लेकिन एक लड़की जिसका नाम मेघा था,

वो मुझे बहुत पसंद थी, वो रवि के घर से दो घर पास में रहती थी, मैंने उसके बारे में पूछा तो पता चला वो बहुत गुस्से वाली थी और ज़्यादा किसी से बात नही करती थी,ये सब सुनने के बाद मैंने सोचा कोशिश करने में क्या हर्ज है,

ज्यादा से ज्यादा वो मना कर देगी लेकिन मैं एक कोशिश तो जरुर करूंगा,फिर अगले दिन वो किसी रसम के लिए रवि के घर आई मैं बिना कुछ बोले बस उसे ही देखता रहा,

वो आखों ही आखों में मुझे गुस्से में गलियां दे रही थी लेकिन बोली कुछ नही,शाम के समय रवि ने मुझे बताया के मेघा मेरे बारे में बोल रही थी की मैं उसे घूर रहा था और आगे से में ऐसा न करूं,

मैंने रवि को बोला अगर उसको बुरा लगा तो वो खुद मुझे बोल सकती हैं मेरे बारे में तुझे क्यों बोला, मुझे ये बात हज़म नही हो रही थी, उसी दिन थोड़ा अंधेरा होने के बाद, मेघा फिर से रवि के घर आई,

बहुत से लोग थे औरते लड़कियां पता नही क्या रसम थी मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा था, मैं सिर्फ मेघा को ही देख रहा था इस बार उसने अपने बालो को खोल रखे थे जो उसके कमर तक आ रहे थे,

मेरे मन में बस एक सवाल था मौके की तलाश में था के जैसे ही मेघा अकेली मिली तो पूछना है,कुछ देर बाद मैंने देखा मेघा घर के पीछे जा रही है और उसके साथ एक छोटा बच्चा था,

मैने सोचा यही सही मौका है और उसके पीछे चला गया शायद मेघा को भी पता था के मैं उसके पीछे आऊंगा, तभी वो धीरे धीरे चल रही थी,थोड़ा दूर जाने के बाद मैंने उस बच्चे को पुकारा चलो बेटा तुम्हारी मम्मी तुम्हे ढूंढ रही है,

ऐसा बोल कर मैने उसको अपनी गोद में उठा लिया और मेघा वही खड़ी हो कर मुझे देखने लगी, मैंने सोचा जब तक ये नही बोलेगी मैं भी यहीं खड़ा रहूंगा, मेघा मेरे पास आ कर खड़ी हो गई,

मेघा: आप कहा से हो
मैं: दिल्ली से
मेघा: इतने लोग रहते है शादी में आप मुझे ही देखते हो?
मैं: माफ कर देना अगर मुझ से कुछ गलती हुई तुम्हे बुरा लगा हो,
मेघा: नही नही बुरा क्यों लगेगा मैं तो बस ऐसे ही बोल रही रही,
मैं:इस पूरे गांव में मुझे कोई अच्छा नही लगता बस आप को छोड़कर
मेघा: मुझ में ऐसा क्या है जो दूसरों में नही है?
मैं:आप की आंखे बहुत प्यारी है ऐसी आंखे तो किसी की नही है,

ये सब बाते हम दोनो के बीच हुई जाते समय मेघा ने बोला मैं रात को फिर आऊंगी और वो चली गई, गांव में शादियां रात को होती है 3 से 4 के बीच,रात को करीब 1 बजे मेघा कपड़े बदल कर आई,

इस बार उसने लहंगा चुनरी पहना हुआ था जिसमें उसकी नाभी दिखाई दे रही थी,गोरा गोरा रंग अंधेरे में चमक रहा था, मैंने मेघा तो देखा तो उसे इशारा करने लगा ताकि वो मेरी तरफ आ जाए,

मेघा इशारा देख कर मेरे पास आ कर बैठ गई,रात बहुत हो चुकी थी तो कुछ लोग ही जगे हुए थे बाकी सब सो गए थे, मैंने मेघा के हुसन की थोड़ी बहुत तारीफ़ की जो की सच भी थी,

मैंने मेघा को कहा यहां पर बहुत लोग है कहीं और चले, मेघा तुरंत ही खड़ी हो गई और बोली चलो मैं एक ऐसी जगह जानती हु जहां कोई भी नही आता, मैंने भी हां बोला और चल पड़ा उसके पीछे,

पता नही कौन सी जगह थी अंधेरे में कुछ दिखाई भी नही दे रहा था फिर एक जगह वो बैठ गई चारों तरफ़ दीवारे थी बस एक तरफ खुला हुआ था,मेघा ने मुझे अपने पास बिठाया और बोली अब क्या कहना है यह कोई नही है,

मैंने कहा मैं तुम्हें चूमना चाहता हूं, अगर तुम्हारी मंजूरी हो तो नही तो कोई बात नही,मेघा ने हां चूम लो फिर मैंने उसके होठों धीरे धीरे चूमने लगा, उसके लिप्स को अपने दांतो से हल्के हल्के दबाने लगा,

मैंने सोचा लड़की गुस्से वाली है पहले धीरे धीरे से शुरुआत करनी होगी, होठों को चूमते हुए हम्मम हम हम, मैं धीरे धीरे अपने हाथों को उसके स्तनों की तरफ़ ले जाने लगा,मेघा ने कोई विरोध नही किया,

फिर मैंने अपने हाथों को मेघा के बड़े बड़े स्तनों पर रख दिया और दबाने लगा,मेघा ने अपने कपड़े खुद ही उतार दिए और मेरे हाथों को अपने चूचियों पर रख कर दबाने लगी, ये सब देख कर मुझे और ज़्यादा जोश आ गया,

मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए सिर्फ़ अंडर वियर पहना हुआ था,मेघा की ब्रा के अंदर मैंने हाथ डाल कर बूब्स को दबाने लगा, इतने रसीले सॉफ्ट बूब्स थे के मुझ से रहा नही गया, मैंने बूब्स अपने मुंह में डाल लिया,

मेघा का रोम रोम मचल सा गया,मेघा अहान ऊन अहहा आवाजे करने लगी,फिर मैं खड़ा हो गया और अंडर वियर को निकाला मेरा लंड बिल्कुल लोहे के जैसा कड़क हो गया था,

मैने मेघा के सिर्फ को पकड़ा और लंड को उसके मुंह में डालने लगा , पहले तो मेघा माना करने लगी के ये सब क्या है, मैंने बोला कुछ नही होगा ये भी प्यार है,फिर वो मान गई और मेरे लंड को मुंह में डाल कर चूसने लगी,

उसके मुंह की चुदाई करने के बाद मैंने बोला लेट जाओ और उसके नीचे के सभी कपड़े उतार दिए, फिर मैंने उसकी चूत को चाटने लगा ताकी उसे भी पता चले के इस में कितना मज़ा आता है,

उसकी चूत पर एक भी बाल नही था लगता है आज ही साफ किए थे,मेघा दोनों टांगे उठा कर चूत चटवाने में लगी थी, उसके दाने के साथ मेरी जुबां ऐसे लग रही थी के उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया,वो बार बार मुझे बोल रही थी के बस करो अब लंड डाल दो मेरी योनि में,

पानी निकलने के बाद मैंने मेघा की चूत में अपने लंड को दाखिल किया और अंदर बाहर करने लगा, सुनसान जगह पर चुदाई की आवाजे गूंजने लगी पट पट चट चट आह ऊं आह ऊं,

फिर थोड़ी देर मैं मेरा पानी निकल गया जो मैंने मेघा की चूत में ही छोड़ दिया,कुछ देर हम ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर पड़े रहे,मेघा मुझे छोड़ने को तैयार नही थी, क्यू की मैंने उसे सन्तुष्ट कर दिया था,

फिर वो मुझे चूमने लगीं और मेरा फिर से खड़ा हो गया, मैंने फिर से मेघा की चुदाई की और फिर शादी में आ कर शामिल हो गए,उस रात मेघा की तीन बार चुदाई की, ये मेरा अनुभव मैंने आप सभी के साथ सांझा किया धन्यवाद…..

Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories

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