हैलो दोस्तो नाम सुनील हैं सभी पाठको को मेरा नमस्कार! मैं उत्तर प्रदेश के एक गांव से हूं, आज मैं आप लोगों को मेरी हॉट साली की बुर की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूं,
आप सभी मेरी कहानी Fantasystories.in पर पढ़ रहे है,ये कहानी मेरी हॉट साली की बुर की चुदाई की हैं,मुझे भी हॉट स्टोरी पढ़ने में बहुत मज़ा आता है,शादी के बाद से मैं जीजा साली हॉट रोमांस स्टोरी ज्यादा पढ़ने लगा था,
वैसे तो मेरी पत्नी भी बहुत खुबसूरत है लेकिन उसकी बहन बहुत ही हॉट और कामुक बदन की मालकिन है, बड़ी बड़ी चूचियां 36 की देख कर ही दबाने को मन कर जाए,गांड 34 की इतनी बड़ी की देख कर किसी का भी मन मचल जाए,
ये घटना आज दस साल पहले की है जब मेरी पत्नी पेट से थी और उसका नौवां महीना चल रहा था, बच्चा पैदा होने में ज्यादा वक्त नहीं था कभी भी हो सकता था,मेरी पत्नी ने बोला के छोटी बहन को बुला लो ताकि वो मेरी देखभाल कर सके,
फिर मैंने अपनी साली जिसका नाम संजना था लेकिन सब उसको प्यार से संजू बुलाते थे, मैंने संजू को सिर्फ शादी वाले दिन देखा था उसके बाद से आज दो साल के बाद देख रहा था,
बूब्स इतने बड़े हो गए थे के क्या बताऊं मैं तो देख कर हैरान रह गया, संजू ने मेहरूम रंग की सलवार कमीज पहनी हुई थी जिसमें उसका गोरा बदन और खिल खिल कर बाहर आ रहा था,
मेरी पत्नी संजू से कहा जाओ हाथ मुंह धो लो उसके बाद रसोई में काम है उसे खतम कर देना तुम्हारे जीजा तुम्हे घर दिखा देंगे,इतना कह कर मेरी पत्नी कमरे में आराम के लिए चली गई,
संजू को रसाई दिखाई और रोज़ का काम बताया के सिर्फ तुम अपनी दीदी का खयाल रखना बाकी का काम सब मैं देख लूंगा तो संजू बोली नही जीजू आप क्यू करोगे मैं हूं ना सारा काम मैं देख लूंगी आप निश्चिन्त रहिए,
एक प्यारी सी मुस्कान दे कर संजू काम करने लगी मैं भी बाहर चला गया, मैंने सोचा आज ही तो आई है सही मौका देख कर फिर संजू की चुदाई करूंगा,जीजा साली का रोमांस जरुर होगा,
अगले दिन सुबह के समय हम सो रहे थे और संजू घर में गोबर का लैप लगा रही थी,मैने सुबह सुबह ही संजू के संतरों के दर्शन कर लिए क्यों की संजू ने नाइटी पहनी हुई थी और उसके दोनो बूब्स बाहर की तरफ झाक रहे थे,
मैंने संजू से कहा क्यों सुबह सुबह इतना कम रहीं हो साली साहिबा, पूरा दिन पड़ा है कभी भी लैप लगा देती,लैप का मतलब जिनको नही पता उनको बताना चाहता हूं, गांवों में मिट्टी के घर होते हैं जिसको हर सप्ताह गोबर से लेपना होता है,
संजू मेरी बातें सुनकर मुस्कुराने लगी और बोली अरे जीजू पूरे दिन में कोई दूसरा काम भी कर लूंगी,हम दोनों में थोड़ा बात हुईं और मैं बाहर चला गया रोज़ की दिनचर्या के लिए,
कुछ समय बाद नाश्ता बन गया,नाश्ता करने के बाद मैं खेतों की तरफ़ चला गया,आज का मौसम बहुत अच्छा था हल्की हल्की बारिश हो रही थी और साथ में ठंडी हवाएं चल रही थी,
कुछ देर बाद मैंने देखा संजू खेत के किनारे किनारे नदी की तरफ़ जा रही थी, मैंने सोचा शायद सब्जी लेने जा रही है क्यों की मैंने खेत में हर परकार की सब्जियां बो रही थी,
कुछ समय बाद संजू उसी रास्ते से वापिस आ रही थी हाथ में थैला पकड़ रखा था,तभी संजू ने मुझे देख लिया के मैं वहीं पर बैठा हूं और मुझे पुकारने लगी, अरे! जीजू आप अकेले क्यूं बैठे हो,
उसका ध्यान मेरी तरफ होने के कारण, संजू का पैर फिसल गया और संजू खेत में गिर गई, मैं संजू को उठाने के लिए दौड़ा, संजू ने सफेद रंग की कुर्ती और टाइट पजामी पहनी हुई थी,
संजू के पास पहुंचने पर मैंने देखा संजू पूरी तरह भीग चुकी थी और उसके दोनो बूब्स झलकने लगे थे, यहां तक के निप्पल भी बिल्कुल साफ दिखाई दे रहें थे, मैंने संजू को उठाया और जहां पर मैं बैठा था उसी खाट पर ले गया,
संजू अपने स्तनों को छुपाते हुए मुझे देखने लगी,हम दोनो एक दूसरे को देख रहे थे,फिर संजू ने पूछा आप यहां अकेले क्या कर रहे हो, मैंने मौके पे चौका मारा और बोला बस ऐसे ही बैठा था,
तुम्हारी दीदी पेट से है बहुत दिन हो गए हैं,बहुत चिंता रहती है, संजू पूछने लगी कैसी चिंता मेरे होते हुए आप चिंता क्यू करते हैं, मैंने कहा संजू तुम नही समझोगी जाओ घर जाओ,
तो थोड़ा जोर दे कर पूछने लगी बताइए ना जीजू आप को कौन सी चिंता सता रही हैं, मैंने कहा ठीक अगर इतना ही पूछ रही हो तो सुनो,पर मुझे गलत मत समझना मैं तुम्हे अपना दोस्त समझता हूं इस लिए बताने जा रहा हूं,
कई दिन हो गए हैं चुदाई किए हुए मैं किसी के पास जा भी नही सकता क्यों की तुम्हारी दीदी को मैं धोखा नही दे सकता बस यही सोचता रहता हूं अकेले बैठे हुऐ,संजू ने अपने सीने से दुपट्टे को हटाते हुए बोली,
बस इतनी सी बात आप को प्यार करने के लिए मैं हूं ना और मुझे गले से लगा लिया, मैंने भी संजू को अपनी बाहों में भर लिया और कस के छाती से लगाया,उसके होठों को चूमने लगा,
संजू मेरी बातें सुनकर पहले ही गर्म हो चुकी थी वो भी मुझे चूमने लगी अपने होठों से मेरी जुबान को दबाने लगी, बहुत ही कामुक तरीके से मुझे चूम रही थी, मैं भी यही चाहता था,
उसी जगह बहुत बड़ा पेड़ था मैं संजू को लेकर उस पेड़ के पिछे चला गया और संजू की कुर्ती उतार दी,इतना खूबसूरत बदन कदराया हुआ, बड़े बड़े स्तनों को देख कर मेरी काम वासना और बढ़ गईं,
दोनों बूब्स को अपने मुंह से चूसने लगा साथ मैं संजू की बुर को भी सहलाने लगा,अब संजू आह आह ओह धीरे जीजा जी धीरे से करिए, मैंने उसकी पजामी भी निकाल दी और संजू ने पेंटी भी नही पहनी थी,
उसकी गांड की हाथों से सहलाते हुए एक चाटा मारा, इतने में संजू और गर्म हो गई,उसके पूरे बदन को मैं चूमने लगा, क्यों की मेरी साली का एक एक अंग इतना खुबसूरत था के मैं खुद को रोक नही पा रहा था,
फिर मैंने संजू को अपनी गोदी में बिठाया और अपना सात इंच का मोटा लन्ड संजू की बुर के दाखिल कर दिया, संजू आह ऊं उई मां मर गई, मैंने उसके मुंह को बंद करने के लिए, उसे फिर से चूमने लगा,
अब मैं लंड को अन्दर बाहर करने लगा और पूरे वातावरण में चट चट पच पच चट की आवाज़ें घुंजने लगी,फिर थोड़ी देर चुदाई होने के बाद मैं झड़ गया और सारा माल संजू की बुर में ही छोड़ दिया,
उस दी के बाद मैंने संजू को कई बार चोदा अब तो संजू की भी शादी हो गई है लेकिन जब भी वो मुझ से मिलने आती है अपनी बुर दे कर जाती हैं, कई बार तो संजू के घर जा कर भी मैंने उसकी चुदाई की हैं…
Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories