नमस्कार सभी देसी कहानियों के दीवानों को मैं रवीन्द्र गुजरात का रहने वाला हूं,मेरी उम्र ३७ साल हैं,मेरे लिंग का आकार ७.३ इंच है,मेरी शादी भी हो चुकी हैं,मुझे भी आप सभी की तरह देसी चुदाई की कहानियां बहुत पसंद हैं,
मेरे पास जब भी समय रहता हैं सेक्स स्टोरी जरूर पड़ता हूं,अकसर कहानियां पढ़ करने के बाद मुझे चुदाई करने का मन करता है,एक बार अगर मेरा लन्ड खड़ा हो गया तो बिना चूत मारे सोता नहीं है,
आज मैं आप को ऐसी कहानी बताने जा रहा हूं जो आप लोगों ने कभी पढ़ी नहीं होगी लेकिन उससे पहले थोड़ा अपने बारे में भी बता देता हूं,मैं एक ग्रामीण बैंक में काम करता हूं,
आप सभी मेरी कहानी Fantasystories.in पर पढ़ रहे हैं, यहां पर आप को रिश्तों में चुदाई, दोस्त की हॉट मॉम की चुदाई,मेरी हॉट चाची,लेस्बियन सेक्स स्टोरी, देसी गांव की सेक्स स्टोरी,थ्रीसम सेक्स स्टोरी,मिलफ मॉम स्टेप मॉम सेक्स स्टोरी,देवरानी जेठानी का प्यार पढ़ सकते है,
मैं मैनेजर की पेस्ट पर हूं,मेरा काम बस फाइल पर साइन कर के आगे भेजना होता है,मेरे साइन के बिना कोई फाइल आगे नहीं जा सकती, मैं अपने रोजमर्रा ज़िंदगी में व्यस्त था,
फिर एक दिन मेरे ऑफिस में माही कौर आई,वो देखने में बहुत सुंदर तो हो ऊपर से बहुत हॉट थी, उसके बदन का एक एक हिस्सा उभरा हुआ था, उसको देख कर किसी का भी मन कर जाए,
उसके बूब्स इतने बड़े थे के कुर्ती से बाहर आने वाले थे,वो जब से ऑफिस में आई थी मेरी नजरें उसके बदन को ही देख रही थी,फिर कुछ देर में वो मेरे केबिन में आई,किसी तरह की दुकान पर लॉन लेने आई थी,
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मैंने फाइल को चेक किया सब कुछ ठीक था, लेकिन मैंने मना कर दिया के कुछ और डॉक्यूमेंट लाने होंगे तो अगले दिन आना फिर देखेंगे,इतना बोल कर मैंने फाइल उसको लौटा दी,वो मुझे गुस्से में देखने लगी,बिना कुछ कहे चलो गई,
अगले दिन संडे की वजह से ऑफिस को छुट्टी थी,मैं सोच रहा था,उसको कैसे चोदउ अपने आप से बातें करते हुए प्लानिंग करने लगा,अगले दिन जब ऑफिस खिला तो वो फिर से आई,इस बार पूरी तैयारी के साथ आई,
वो मेरे केबिन में आ कर बैठ गई,उसने आज साड़ी पहनी हुई थी ओर ब्लाउज़ उसका दीप नेक वाला, मैं उसकी फाइल चेक करते समय उसके बूब्स को देख रहा था ये बात उसको भी पता थी के मैं उसके बूब्स को देख रहा था,
उसने पूछा आज तो डॉक्यूमेंट पूरे है सर मैंने कहा नहीं अभी भी एक बाकी हैं,उसने मुझे सीधा ही पूछा सच सच बताईए डॉक्यूमेंट ही चाहिए या फिर कीड़ी और वजह से आप मना कर रहे है,फिर मैंने कहा समझदार हो तुम्हे बताने की ज़रूरत नहीं हैं,
वो उठ कर दरवाज़े की तरफ़ गई और मेरे केबिन के दरवाज़े को बंद कर दिया,फिर वो मेरे गोद में बैठ कर मेरे गालों को पकड़ कर बोली सर अब में आप की हूं मैं आपको खुश करती और आप मुझे खुश कर दीजिए,
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मैंने उसके पल्लू को खींचा और उसके बूब्स को दबाने लगा,वो अहान आहान ओह सर जी मज़ा आ रहा है करते रहिए बोलने लगी, मैंने उसकी टांगो के बीच अपने हाथ को डाला और उसकी चूत को मसलने लगा,
उसकी चूत बिल्कुल बन जैसी थी, मैं अपनी उंगली से उसकी चूत को खोदने लगा,वो भी गर्म हो चुकी थी,वो मुझ से लिपट गई,अपने ब्लाउज़ को ऊपर करके दोनो बूब्स को बारी बारी से मेरे मुंह में डाल रही थी,
उसके निप्पल को चाटने लगा,वो अपने बूब्स मेरे चेहरे पर मसलने लगी,फिर मैंने उसको अपने कुर्सी के पास ही दोगी बना दिया,उसकी साड़ी को उठा कर पेंटी उसने ब्लैक पहनी हुई थीं उसे निकाला,
उसकी चूत की दरार पर थूक लगा कर अपने लन्ड को धीरे धीरे चूत में डालना शुरू किया,वो अहा अहा ऊंह करने लगी, मैं धीरे धीरे झटके मारने लगा,ताकि आवाज़ें बाहर न जाएं,उसकी चूत बहुत टाइट थी,
फिर धीरे धीरे चुदाई करते हुए हम दोनो मजे ले रहे थे,फिर से चोदने की वजह से मेरा लन्ड उसकी चूत में पूरा जा रहा था,इस लिए दोनो को आनंद प्राप्त हो रहा था,फिर कुछ देर बाद मेरा माल निकलने लगा, सारा माल मैने नीचे गिरा दिया,
चुदाई के बाद मैने उसका नंबर लिया और उसकी फाइल को साइन कर के पास कर दिया,उसके बाद से वो जब भी चुदाई करवाना चाहती मेरे ऑफिस में आ जाती थी,हम ज़्यादा तर मेरे केबिन में ही चुदाई करते थे, कहानी को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद.
Note: ये कहानी सत्या घटना है केवल नाम और स्थान बदले हुए हैं….