ये कहानी थ्रीसम की हॉट स्टोरी है जिसे आप Fantasystory.in पर पढ़ रहे हैं ये मेरी पहली एफक स्टोरी है हॉट सेक्स स्टोरी पढ़ने के लिए लॉग इन करें,
हेलो दोस्तों मेरा नाम विकास है और मैं राजधानी दिल्ली का रहने वाला हूं, मेरे लिंग का साइज़ 7 इंच है, मैं हमेशा से ही सेक्स स्टोरी में रुचि रखता था,मुझे भाभियों की चुदाई की कहानी बहुत अच्छी लगती है,
इस लिए मैं अपनी कहानी आप सभी प्रिय पाठको को बताना चाहता हूं,ये कहानी आज से 16 साल पहले की है,जब मैं स्कूल के अखरी साल में था,मेरी एक गर्लफ्रेंड जिसका नाम कपलना था,
उसका फिगर बहुत सेक्सी था उभरी हुई गांड 38 के बूब्स थे, उसे पटाने के लिए मैंने बहुत मेहनत की थी और अब तक हमारे बीच सिर्फ लिप किस्स हुआ हैं,वैसे तो उसके बूब्स भी देखे है लेकिन अभी तक सेक्स नहीं हुआ,
अब तक जो भी हुआ है स्कूल के बाथरूम में हुआ था उसकी चुदाई करने का मौका नही मिला था, मैंने कई बार कल्पना को बोला के हम कहीं रूम लेकर मिलते है लेकिन वो मानी नही, होटल में जाने से डरती थी,
कल्पना ने कभी अपने परिवार के बारे में नही बताया था लेकिन एक दिन बोलने लगी के कुछ दिन बाद मेरे माता पिता शहर से बाहर जा रहे है तब हम दोनो मेरे घर पर मिल सकते है,
मैं खुशी से नचले लगा फिर मैंने दोबारा पूछा के और कोई नही है तुम्हारे परिवार में तब उसे बताया मेरा एक बड़ा भाई है जिसकी शादी हो गई और वो सुबह ऑफिस चला जाता उसके बाद शाम को ही वापिस आता है,
भाभी घर पर रहती लेकिन भाभी से डरने की जरूरत नही है क्यों की भाभी मेरी सहेली जैसी है,ये सब सुनने के बाद मैंने सोचा चलो कोई बात नही कम से कम कल्पना की चूत के दर्शन तो होंगे,
कई दिन बीत गए मैं हर दिन कल्पना से पूछता अंकल आंटी बाहर गए के नही,वो हर रोज मुंह लटका कर जवाब देती नही, मैंने कहा मुझे अपने घर ले चलो इसी बहाने तुम्हारा घर भी देख लूंगा,
कल्पना माना करने लगी नही तुम मेरे घर ऐसे नही आ सकते मेरे पिता तुम्हे और मुझे दोनो को मार देंगे, उस वक्त मैं कुछ नही बोला लेकिन शाम को स्कूल खतम होने के बाद मैंने कल्पना का पीछा किया,
ताकि उसका घर देख सकू,कुछ देर उसके पीछे गया और उसका घर देख कर वहीं से वापिस लौट आया,फिर उसी दिन शाम को मैं कल्पना के घर के सामने खड़ा था और देखा तो कल्पना बालकनी में खड़ी थी,
मैंने इशारे से कल्पना को बुलाया और बोलने लगा में रात को आऊंगा मैं इस पानी वाली पाइप के सहारे ऊपर आ सकता हूं, कल्पना घबरा कर अंदर चली गई, मैं भी वापिस घर चला गया और सुबह स्कूल में कल्पना को मनाने लगा,
ताकि मैं रात को उसके घर जा कर उसकी चूत मार सकू, लेकिन कल्पना ने बताया के उसकी भाभी ने मुझे देख लिया और पूछ रही थी के ये कौन है,कल्पना ने कोई बहाना बनाकर बात को संभाल लिया था,
कल्पना मान गई के रात को मैं उसके घर आ सकता हूं, सर्दियां शुरु होने वाली थी इस लिए अंधेरा जल्दी हो गया था रात को 11:30 बजे मैं कल्पना के घर के नीचे आ गया था, पानी वाली पाइप को पकड़ कर मैं ऊपर चढ़ने लगा,
ऊपर पहुंचने के बाद मैं खिड़की से अंदर कल्पना के कमरे में चला गया,अंदर जाते ही मैं कल्पना से लिपट गया, कल्पना ने नाईट ड्रेस पहनी हुई थी और अंदर कुछ भी नही पहना था,
क्यों की उस से लिपटते ही मुझे उसके बूब्स और कूल्हे दोनो मेहसूस हो रहे थे के अंदर कुछ नही है,कल्पना ने भी मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और मेरे होठों को चूमने लगी,
तभी किसी ने दरवाज़े को खट खटाया और हम दोनो डर गए मेरी तो हालत खराब हो गई मैंने सोचा आज तो गया,कल्पना ने आवाज़ लगाई, कौन हैं, दूसरी तरफ कल्पना की भाभी थी,
कल्पना: क्या हुआ भाभी?
भाभी: कुछ नही नींद नही आ रही तू दरवाज़ा तो खोल
कल्पना:रुको में कपड़े पहन लेती हूं
भाभी:फिर क्या हुआ मुझ से क्या शर्म
कल्पना:अच्छा एक मिनट रुको,
कल्पना ने मुझे बेड के नीचे छुपने को बोला और वो दरवाज़ा खोलने चली गई,तभी उसकी भाभी अंदर आ कर बेड के ऊपर बैठ गई,अभी तक मैंने कल्पना की भाभी को नही देखा था,
नीचे से मैं भाभी के पैर को देख रहा था इतनी गोरी टांगे देख कर मेरा तो लंड खड़ा ही हो गया, चाहे माहोल डर का क्यू नही था,मैने सोचा टांगे ऐसी है तो चूत कैसी होगी, दोनो आपस में बाते करने लगी और पता चला कल्पना का भई बाहर गया हुआ था,
दोनो को बाते सुनकर लगता है के दोनो आपस में बहुत खुली हुई हैं,फिर कल्पना ने भाभी को जानें के लिए बोला तो भाभी ने माना कर दिया “मैं कहीं नही जाऊंगी आज तो यही पर सोना हैं”,
अब मुझे फिर से टेंशन होने लगी के मैं वापिस कैसे जाऊंगा, तभी भाभी उठी और दरवाज़े को बंद कर दिया,भाभी बोली तुम्हारा बॉयफ्रेंड कहा है,मैंने ये सब सुना तो मेरे पैरो तले ज़मीन खिसक गई के ये क्या पूछ रही हैं,
कल्पना हड़बड़ाने लगी और बोली भाभी आप ये क्या बोल रही हो यहां पर कोई नही है,फिर भाभी ने झुक कर नीचे देखा और मुझे बोला चुपचाप बाहर आजा वरना अच्छा नही होगा,
मैं भी क्या करता बिना कुछ बोले बाहर आ गया, लेकिन कल्पना की भाभी बहुत खुबसूरत थी, बड़े बड़े बूब्स नीली नीली आंखे गोरा बदन मैं तो भाभी की सुंदरता को देख कर मस्त हो गया था,
इसके आगे जो हुआ अगले भाग में बताऊंगा तो कृपया थोड़ा इंतजार करिए तब तक के लिए बाय मिलते हैं भाग–2
Note: कहानी सत्या घटना है केवल नाम ओर स्थान बदले हुए हैं…desi adult stories