नाम बन्नो है, आगरा की रहने वाली हूं और शादीशुदा हूं,मेरी चूचियों का साइज़ 40 है, मेरे कूल्हे 36 के है,मुझे चुदाई करवाना बहुत पसंद हैं, मुझे अगर कोई पटना चाहे तो मैं जल्दी ही पट जाऊंगी,
मुझे बस लंड से मतलब है मोटा लंबा लंड होना चाहिए बस,मेरे पति मेरी ठुकाई करते हैं लेकिन सिर्फ नाम मात्र के लिए उनका जल्दी ही पानी निकल जाता है और वो सो जाते है,
फिर मुझे कुछ जुगाड़ करना पड़ता है ताकि खुद को शांत कर सकूं,ऐसा मैं अक्सर करती हूं मेरे लिए कोई नई बात नही है,आप मेरी कहानी पढ़ रहे हैं Fantasystory.in पर,
चार साल पहले कोविड के समय मेरे पति के मामा जी जो दूसरे शहर में रहते थे, वो हमारे घर आए अपने परिवार के साथ, हमारा घर छोटा है तो मामा जी के बाकी के घर वाले जैसे मामी उनका बेटा सभी मेरे देवरजी के पास रहने चले गए,
मामा जी हमारे कमरे के साथ वाले कमरे में रहने लगे, दोनो कमरों की दीवार एक ही थी, हर रात मेरे पति के साथ झगड़ा होता क्यों की वो मुझे संतुष्ट नही कर पाते थे,फिर कुछ दिन ऐसे हो बीत गए,
मेरे पति हर रोज सब्जियां बेचने जाया करते थे ताकि कुछ पैसे बन जाए लॉकडॉन में सब्जियां बहुत बिकती थी इस लिए मेरे पति कभी कभी घर बहुत देरी से आते थे,
एक दिन की बात है मैं घर का सारा काम खतम कर के नहाने के लिए जा रही थी, बाथरूम में जाने के बाद मैंने सारे कपड़े भी उतार दिए फिर मुझे याद आया पहनने वाले कपड़े मैं लाई नही,
मैंने टॉवेल को लपेटा और बाथरूम से बाहर आ गई, टॉवेल भी छोटा था जिसमें मेरे बूब्स पूरे नही आ रहे थे आधे से ज़्यादा बाहर थे और गांड तो पूरी ही दिखाई दे रही थीं, कपड़े लेकर मैं बाथरूम जा रही थी,
तभी मैंने देखा मामा जी अन्दर बेठे है, उन्होंने मुझे पूरी तरह से देखा बाथरूम से बाहर और अंदर जाने तक मैं इतनी जल्दी में थी के मेरा ध्यान नही गया, मैं अंदर आने के बाद सोचने लगी शायद मामा जी मुझे चोदना चाहते है,
लेकीन कभी ऐसा लगा नही फिर मैने सोचा मामा जी पहले अजमाया जाए फिर कोई कदम आगे बढ़ाए,अगले दिन मेरे पति सब्जियां बेचने चले गए फिर मैंने साड़ी के पल्लू को एक तरफ कर लिया,
अब मैं जब भी मामा जी के पास जा रही थी थोड़ा ज्यादा ही झुक कर अपने स्तनों को दिखाने लगी के मामा जी देख रहे या नही, लेकिन मामा जी तो मेरे दूध को देख कर अपनी लार गिराने लगे,
मैंने देखा उनका लोड़ा पजामे में खड़ा हुआ था, इतना बड़ा लोड़ा देख कर मेरी चूत में भी पानी आने लगा,अब तो मैं भी मामा जी के साथ चुदने के लिए मचलने लगी,कोई योजना बनानी पड़ेगी,
अगले दिन मामा जी मेरे पति को बोल रहे थे के तबीयत ठीक नहीं है तो मेरे पति ने कहा आप आराम करिए और वो चले गए,क्यू को कभी कभी मामा जी भी मेरे पति के साथ जाया करते थे ताकि उनका भी समय कटे,
मामा जी चादर लेकर लेते हुए थे और सामने ही बाथरूम था,इस बार मैं नहाने के लिया गई और जानबूझकर कपड़े नही लेकर गई,अंदर जाने के बार मैने फिर से टॉवेल लपेट लिया,
थोड़ा सा दरवाज़े को खोल कर देखा तो मामा जी सोए नही थे सोने का नाटक कर रहे थे तबीयत भी ठीक थी बहाने से घर पर रहना था, मुझे भी पता था आज मेरी मस्त चुदाई होगी, लेकिन उससे पहले उनको सही मौका देना पड़ेगा,
मैं कपड़े लेने अंदर गई तो मामा जी ने चादर ले रखी थी और जब वापिस आई तो मामा जी ने चादर हटा दी थी और अपना लंड खड़ा किया हुआ था शायद मेरी चुचियों को देख कर खड़ा हो गया था,
जैसे ही मैं कमरे से बाहर निकली ताकि बाथरूम में जा सकू और मैं मामा जी को भी देख रही उनका सारा ध्यान मेरे बूब्स के ऊपर था,जैसे ही मामा जी के पास पहुंची मामा जी उठ कर बैठ गए,
मुझे पुकारने लगे बहू जरा रुको तो मैं वही थम गई, मामा जी मेरे पास आए और मुझे पीछे से गले लगा लिया और बोलने लगे तुम बहुत खूबसूरत हो अब और मत तड़पाओ मुझे जो चाहिए तुम्हे भी वही चाहिए,
ये सभी बाते बोलते हुए मुझे चूमने लगे और मेरे टॉवेल को खोल दिया, मेरे बदन को चूमने लगे, ऐसा एहसास मुझे पहली बार हुआ था मेरे पूरे में एक मीठा सा एहसास हो रहा था,
मामा जी ने मुझे अपनी बाहों में उठाया और बाथरूम में ले आए,मेरे दोनों स्तनों अपनी जुबान से चाटने लगे, मैं उनकी गोद मैं बैठी हुई थी मुझे उनका बड़ा लंड मेहसूस हो रहा था, मुझ से भी रहा नही जा रहा था,
उनके पजामें को नीचे किया और उनका 7 इंच का लन्ड देख कर मैं तो हैरान हो गई,मामा जी के लंड को मैंने होठों से चूमा और अपनी जुबान से चाटने लगी मामा जी मेरी चूचियों को दबा रहा थे,
मेरी चूत में पानी आ चुका था, फिर मैं अपनी गांड मामा जी की तरफ कर के मामा जी के लंड पर बैठ गई उनका 7 इंच का मेरी चूत में दाखिल हुआ मुझे बहुत दर्द हुआ लेकिन ये दर्द में मज़ा भी बहुत था,
मामा जी ने झटके मरने शुरू किए, मेरी आह ऊं आह मर गई आवाजे सुनकर मामा जी ओर जोश में आ गए और अब वो खड़े हो कर लन्ड को अंदर बाहर करने लगे,इस तरह चुदाई मेरी पहली बार हुई थी,
करीबन पांच से सात मिनट मेरी मामा जी ने चूत मेरी इस दौरान ही मैंने पांच सालो का मजा ले लिया था,फिर मामा जी झड़ने लगा,उनका सारा पानी मेरी योनि में छोड़ दिया, कई देर तक मामा जी मुझे से लिपटे हुऐ थे, उसके बाद मैं हर रोज मामा जी के साथ चुदाई करवाने लगी…
Note: कहानी सत्या घटना है केवल नाम ओर स्थान बदले हुए हैं…desi adult stories