सभी हॉट स्टोरी रीडर को मेरा नमस्कार मेरा नाम मेघना है और मैं दिल्ली को रहने वाली हूं , मैं शादीशुदा महिला हूं, मुझे लड़के और लड़कियां दोनो पसंद है,आज मैं आप सब को अपनी कहानी बताने जा रही हूं,
ये कहानी लेस्बियन सेक्स स्टोरी है, मुझे सिर्फ चरम सुख मिलना चाहिए फिर चाहे वो लड़के से मिले या फिर लडकी से मुझे कोई दिक्कत नही हैं,ये बात आज से 14 साल पहले की कहानी है ,
उस समय मुझे एक बेटा था, मेरे पति एक बिज़नेसमैन है सुबह घर से जाने के बाद फिर रात को ही घर आते है, पूरा दिन घर में अकेली रहती थी, फिर मेरे पति ने मेरे बोलने पर नौकरानी रखी ताकि मेरा मन लगा रहे,
अगली सुबह वो घर आई, मैंने दरवाज़ा खोला तो उससे देखती रह गई, गजब की बला थी, कामुकता से भरपूर्ण बदन बड़ी बड़ी आंखे उसमे काजल लगा हुआ, स्तन 38 के और गदराई हुई गांड, कितनी खूबसूरत थी कि लड़के तो लड़के लड़कियां भी देखती रह जाती थी,
फिर वो अन्दर आई, माफ करना मैने नाम नही बताया, उस हुस्न की मलिका का नाम वर्षा था, अंदर आते ही वो पूछने लगी कितने लोग है मुझे कब आना है कब जाना है वगैरा वगैरा,मैने कहा ज्यादा काम नही रहेगा क्योंकि हम दो ही लोग रहते है इस घर में,
फिर वो काम करने लगी, फिर शाम को उसने चाय बनाई मैंने कहा आयो मेरे पास बैठा थोड़ा अपने बारे में बताओ, तब मुझे पता चला वो फिल्मों की शौकीन थी इस लिए वो इतनी खूबसूरत थी,क्यू की सब कुछ उसने फिल्मों से सीखा था,
फिर कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए, अब तक सर्दियां शुरु हो चुकी थी, और मैं छत पर बैठने लगी थी,मैने वर्षा छत पर आने को बोला और साथ में तेल भी लाने को कहा,वर्षा को मैंने बोला था सिर में तेल लगा दे, सिर को मालिश करते हुए वर्षा मेरे कंधो की भी मालिश कर रही थी,
वर्षा के स्पर्श से मेरे बदन उत्तेजित हो उठा, उस समय मैने नाइटी विथ लैस पहना हुआ था, मैने ऊपर के लैस को उतार दिया और बोला थोड़ा तेल छाती पर भी लगा दे क्यू की थोड़ी देर में मुझे नहाना है,वर्षा ने जैसे ही तेल डाला वो रिस कर मेरे बूब्स तक आ गया,
वर्षा ने कहा माफ करना मैम साहब वो थोड़ा ज्यादा ही तेल गिर गया और जैसे ही हाथ बढ़ाया, तेल को साफ करने के लिए उसका हाथ मेरे बूब्स पर था, मैने वर्षा के हाथ के ऊपर मेरा हाथ रख दिया और उसके हाथ को दबाने लगी, वर्षा ने भी बिना देरी मेरे बूब्स को दबाने लगी,
ऐसा लग रहा था जैसे वर्षा इस पल का कब से इंतजार कर राही थी,उसने मेरे क्रॉप टॉप को कंधो से नीचे किया और दोनो हाथो से मेरे बूब्स दबाने लगी, मैं भी उसके हाथों को ऊपर से दबा रही थी,
उसके हाथ बहुत ही नरमी से चल रहें थे मेरे बदन को हर एक हिस्सा कामुक हो चुका था, मैने वर्षा को अपने पास बैठा लिया और उसके होठों चूमने लगी,उसके बालो को खोलते हुए मेरे बूब्स उसके बड़े बड़े बूब्स से टकराने लगे,वो तो पहले से ही गरम हो चुकी थी,
वो मेरे बूब्स के ऊपर चूमने लगी, मैं बैठी हुई थी तो लेट गई,मेरे ऊपर चढ़ कर दोनो निप्पल के साथ खेलने लगी, अपनी जीभ से निप्पल के दाने चाटने लगी, वर्षा तो पूरी काम की देवी थी, वो धीरे धीरे मेरी टांगों को फैलाते हुऐ,मेरी जांघों को चूमने लगीं,
फिर मेरी योनि की और ललचाई नजरों से देखने लगी, मेरी टांगों को फैला कर मेरी चूत को चूमने लगी, दोनो दरारों को बारी बारी से चूमती, चलती हुए आग में घी डालने का काम कर रहीं थी, मैंने कहा वर्षा प्लीज अब मत तड़पाओ प्लीज जल्दी करो,
उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए मेरी चूत के अंदर ज़ुबान को डाल दिया और चाटने लगीं, आह ऊं क्या एहसास था,जब उस दिन को याद करती हूं गीली हो जाती हूं जैसे अभी ये लिखते हुए हो चुकी हूं,वो अपनी लंबी ज़ुबान का बहुत अच्छे से इस्तेमाल कर रही थी,
मेरी पंखुडियो से ऐसे खेल रही थी मानो के आम को ऊपर काट दिया गैस हो और बस अंदर का गुदा रह गया हो और उसे गुठली के साथ चाट रही हो,अब वो ऐसा शब्दो में बयान करना थोड़ा मुश्किल हैं,फिर उसने मेरे दाने को मुंह से पकड़ कर चूसने लगी,
मैं भी अपनी गांड को ऊपर उठा उठा कर उसके मुंह को चोद रही थी, फिर उसने अपने कपड़े उतारे उसके बदन को देख कर मुझे और मूड आ गया, उसे अपनी और खींचते हुए अपने ऊपर गिरा दिया और बेकाबू हो कर चूमने लगी,मेरी जीभ को उसके मुंह में डाल कर चूसने लगी,
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी,फिर उसने मुझे बिना रुके चाटना शुरु किया,ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे रस को पी कर ही मानेगी,मेरे चूत के दाने जैसे निप्पल चूस रही थी,फिर मेरा रस निकल गया, शरीर एक बार तो सुन हो गया, ये मेरा पहला एहसास था,मैने वर्षा थैंक्यू बोला और किस्स किया…
Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories