हैलो दोस्तों मेरा नाम अंश है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं,मेरे लिंग का आकार सामान्य हैं 6.3 इंच, मैं देखने में हैंडसम हूं, मैं भी आप सब की तरह फैंटेसी रखता हूं, रिश्तों में चुदाई की,
शुरू से ही देसी कहानी पढ़ता आ रहा हूं,फिर मैंने सोचा क्यों न अपना अनुभव सभी के साथ सांझा किया जाए,ये बात आज से ग्यारह साल पहले की हैं,उस समय में अपने कॉलेज में था,
मेरे पाप जिनका नाम नागेंद्र था वो एक बैंक में मैनेजर है,उनको देख कर उम्र का अंदाज़ा लगाना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि वो शारीरिक रूप से तंदुरुस्त है और जिम भी जाते हैं,
बैंक में एक लड़की थी जिसका नाम प्रिया था, वो मेरे पापा की सेक्रेटरी थी,बात ऐसी थी के कई दिनों से में नोटिस कर रहा था मेरे पापा रात को लेट आते थे, कई बार तो आते ही नहीं थे,
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कई बार मेरे पापा मम्मी आपस में झगड़ा करते थे, मम्मी बोलती थी उस चुड़ैल के पास ही रहते हो इस लिए मेरी तरफ ध्यान नहीं देते, मैंने मम्मी को पूछा कोई प्रॉब्लम आप दोनों के बीच सब ठीक तो है,
मम्मी ने मुझे बताया नहीं बस बात को टाल देती थी, कई दिन ऐसे बीत गए,फिर एक दिन मैं बैंक गया अपने दोस्त के साथ कुछ काम से, वहां पापा नहीं थे,पूछने पर पता चला पापा हर रोज़ 12बजे के बाद चले जाते थे,
मैंने सोचा ठीक अब देखते है पापा जाते कहा है अगले दिन में उनका पीछा करने लगा,12 बजते ही पापा बैंक से बाहर आए और जाने लगे, मैं बाइक से उनका पीछा करने लगा,कुछ देर बाद पापा ने कर रोक दी,
कार से उतरने के बाद एक बंगले में जाने लगे मैं वहीं इंतेज़ार करने लगा,पाप बहुत देर के बाद बाहर और चले गए, पापा के जाने के बाद मैं बंगले की बेल बजाई तो एक हॉट सेक्सी औरत बाहर आई,
पहले तो मैं पहचान नहीं पाया फिर मैंने कहा ये तो मेरे पापा की सेक्रेटरी है, मैंने कहा क्या मैं अंदर आ सकता हूं,उसने कहा मगर क्यों तुम हो कौन किससे मिलना है, मैंने कहा नागेंद्र मेरे पापा है तो उसी मुझे अंदर बुला लिया,
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तुम यहां कैसे पहुंचे यहां का एड्रेस किसने दिया,ये सब सवाल मुझ से पूछने लगी,मैने कहा ये सब छोड़ो जो तुम कर रही हो वो सब ठीक नहीं है,वो मुझे धक्का मारते हुए बोली तुम्हारा मतलब क्या है कहना क्या चाहते हो,
उसके धक्के की वजह से मेरा बैलेंस बिगड़ गया मैं गिरने लगा तो खुद को संभालने के लिए मैने उसकी ड्रेस पकड़ ली और मैं जब तक संभल पता उसकी ड्रेस फट गई और उसने अंदर कुछ भी नहीं पहना था,
शायद चुदाई होने की वजह से उसने कुछ नहीं पहना था, उसके बड़े बड़े बूब्स दिखने लगे,उनको देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया, मैं बिना कुछ सोचे उसके होठों को चूमने लगा,उसने भी कोई विरोध नहीं किया,
होठों को चूमते ही वो गर्म हो गई, मैं उसकी आग को ओर भड़काने लगा उसकी चूत में उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा,वो अहा ऊंह ऊं करने लगी,उसकी आधी बची हुई ड्रेस को मैने पूरा ही फाड़ दिया,अब वो मेरे सामने
पूरी नंगी हो चुकी थी,उसके बूब्स ये निप्पल के ऊपर मैं अपनी ज़ुबान को घुमाने लगा,उसका रोम रोम मच सा गया, मैंने लन्ड को उसकी चूत में खड़े खड़े जी डाल दिया,चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि मेरा लन्ड एक बार में,
अंदर चला गया, मैं तेज़ी से अपने लन्ड को अंदर बाहर करने लगा,वो अहा ऊंह अहा आह उह की आवाज़ें करते हुए मजे लेने लगी,फिर कुछ देर बाद चुदाई करने के बाद मेरा माल निकल गया, मैं बिना कुछ बोले वहां से चला गया…..
Note: कहानी सत्या घटना है केवल नाम ओर स्थान बदले हुए हैं…desi adult stories