नमस्कार दोस्तों मैं संजीव (बदला हुआ नाम) फिर से हाज़िर हूं आगे की कहानी लेकर, आशा करता हूं आप सभी पाठकों पहले भाग में मज़ा आया होगा, आप सभी का ज़्यादा समय न लेते हुए कहानी पर आता हूं,
सासू मां बाथरूम में नहा रही थीं जब मेरे हाथ से दरवाज़ा खुला तो मैंने देखा सासू मां बिना कपड़े बैठी हुई हैं,उनकी चूत पर एक भी बाल नही था बिल्कुल चिकनी चूत थी, उनके बूब्स बिल्कुल तने हुए,
जैसे किसी कुंवारी लड़की के होते है, मैं देखता ही रह गया , सासू मां ने मुझे अंदर देखा कर थोड़ा शरमा गई लेकिन वो भी यही चाहती थीं के मैं अंदर आ जाऊं, अपने हाथो से मुंह छुपाने की कोशिश करने लगी,
मैंने कहा सासू मां दरवाज़ा शायद आप बंद करना भूल गई, मैंने ज़रा सा हाथ रखा तो खुल गया माफ करना मैं बाद में आता हूं, मैंने ऐसे ही बोला तो सासू मां बोली कोई बात नही अब आ गए तो जो करना है कर सकते हो,
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सासू मां मुंह से इतना सुनते ही मैं झट से उनकी तरफ गया और उनके होठों को चूमने लगा,उनके नर्म नर्म होठों को चूमते हुए उनके बूब्स को दबाने लगा,उनके स्तन इतने बड़े थे के मेरे एक हाथ में नही आ रहे थे,
वो हमेशा साड़ी से अपने जिस्म को ढक कर रखती थी, कोई अंदाज़ा भी नही लगा सकता था के ब्लाउज के नीचे सासू मां के इतने बड़े बड़े बूब्स हैं, होठों को चूमते हुए सासू मां मेरा पूरा साथ दे रही थी,
वो बार बार मेरे होठों को काट रही थी, फिर बूब्स को दबाते हुए मैं अपने हाथ को धीरे धीरे उनकी चूत की तरफ ले गया, चूत की दरार को सहलाने लगा, सासू मां अहम ऊंह अहा अहा दमाद जी क्या कर रहे हो बहुत अच्छा लग रहा है,
सासू मां की बाते सुनकर लगता है के ससुर जी कभी सासू मां की चूत को सहलाया नही है,फिर वो बोली करते रहे रुको मत, दरार के बीच उनके दाने को उंगली से सहलाने लगा, सासू मां बाथरूम में लेट गई,
और मुझे बोलने लगी आओ डाल दो तुम्हारा लन्ड मेरी चूत में बुझा दो मेरी प्यास दमाद जी अब और रहा नही जा रहा, मैंने सोचा सासू मां को थोड़ा ओर गर्म किया जाए,वो नीचे लेटी हुई थी और मैं उनकी चिकनी चूत को देख रहा था,
मैं उनके ऊपर लेट गया और उनके दोनों बूब्स को अपने मुंह से चूसने लगा, उनके निप्पल के ऊपर अपनी ज़ुबान को घुमाने लगा, सासू मां आह ऊंह अहा अहा ऊंह करने लगी, मैंने फिर से अपना हाथ उनकी चूत पर रखा,
इस बार सासू मां की चूत ने अपनी छोड़ दिया, सासू मां झड़ चुकी थी,फिर मैंने चूत को पानी से साफ किया और उनकी चूत पर चूमने लगा, मैंने उनकी दोनों टांगो को फैला कर अपने कांधे पर रख लिया,
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इस से सासू मां की चूत मेरे मुंह में अच्छे से आ रही थी, मैं उनके दाने को अपनी जुबान से कुरेदने लगा, दूसरी तरफ सासू मां अहा ऊंह अपनी गांड उठा उठा कर चूत चटवाने लगी, उनको अलग चर्म सुख प्राप्त हो रहा था,
क्योंकि ये उनका चूत चटवाने का पहला अनुभव है, मैं उनके दाने को अपनी ज़ुबान से बार बार दबाने लगा,अब तक पूरे बाथरूम का वातावरण कामुकता से भर गया था,फिर सासू मां झड़ गई, मैंने चूत को फिर से साफ किया ,
अब मैंने सासू मां को उठाया और उनको झुका कर अपने लन्ड को उनकी चूत में डालना शुरू किया, सासू मां चिला उठी इतना मोटा ज़रा धीरे से डालना, लन्ड उनकी चूत की दरार पर रख कर मैंने हल्का से झटका दिया,
गिला होने को वजह से मेरा लन्ड उनकी चूत में झट से घुस गया, सासू मां चिलाने लगी बहुत दर्द हो रहा है, निकालो मैं उनके बूब्स को दबाने लगा,फिर वो थोड़ा शांत हुई,
फिर मैंने लन्ड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरु किया,अब सासू मां अहा अहा ऊंह करने लगी, मैं तेज़ी से अपने लन्ड को अंदर बाहर करने लगा,पूरे बाथरूम में फट पट पचक पचक चट चट की आवाजे घूंजने लगी,
लन्ड को अंदर बाहर करते हुए मैंने महसूस किया सासू मां की चूत बहुत कसी हुई थी, जैसे कोई कुंवारी लड़की को होती है,फिर मैं झड़ने वाला था मैंने सासू मां को अपनी और घुमाया और सारा माल उनकी चुचियों पर निकाल दिया, वो भी मेरे माल को अपने चुचियों मलने लगी,
फिर मैं बाथरूम से बाहर आ गया, उस दिन से मैंने सासू मां को जब भी मौका मिला है उनकी चुदाई करता रहता हूं, कहानी को अंत तक पढ़ने के लिए आप का धन्यवाद…..
Note: कहानी सत्या घटना है केवल नाम ओर स्थान बदले हुए हैं…desi adult stories