ससुर बहू का गुप्त रिश्ता Part 2 desi adult stories

मैं अपने ब्लाउज़ के बटन को बंद कर के पल्लू ठीक करने के बाद चाय लेकर आई तो क्या देखती हूं, ससुर जी ने भी अपने कपड़े यानी लूंगी ठीक कर ली

नमस्कार दोस्तों मैं गीता फिर से हाजिर हूं आप सभी पाठकों के समक्ष अपना परिचय दोबारा से दे देती हूं, मैं झारखंड की रहने वाली हूं, मेरे बूब्स का साइज 38 और गांड 42 की हैं,

भाग–1 में आप सभी ने पढ़ा के कैसे ससुर जी मुझे अपने लंड के दर्शन कराने लगे थे, मेरे पति के आने के बाद मैं अन्दर चली गई थी,मेरे पति ससुर जी के पास बैठ गए और उन्होंने मुझ से चाय लाने को कहा,

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मैं अपने ब्लाउज़ के बटन को बंद कर के पल्लू ठीक करने के बाद चाय लेकर आई तो क्या देखती हूं, ससुर जी ने भी अपने कपड़े यानी लूंगी ठीक कर ली थी जिसमे से थोड़ी देर पहले उनका लंड झाक रहा था,

चाय की प्याली मेरे पति को देते समय मैने ससुर जी को देखा तो उन्होंने ने मुझे आंख मारी और मुस्कुराने लगे,अब मुझे ससुर जी की आंखों में मेरे लिए हवस दिखाई दे रही थी,

फिर रात को मेरी आंखो में ससुर जी का तकड़ा लंड ही घूम रहा था, मेरे पति मुझे यहां वहां छू रहे थे लेकिन मेरा मन तो ससुर जी पर था, मैंने गुस्से में पति को डाट कर सुला दिया,कुछ देर बाद मेरे पति सो गए,

मुझे नींद नही आ रही थी, मैंने ब्रा पेंटी उतार दी और सिर्फ नाइटी में कमरे से बाहर आ गई और आगे से नाइटी को बंद नही किया था बस ऐसे ही खोल रखा था, क्यों की मैं चाहती थी ससुर जी मेरे बूब्स को देखे और मुझे चोद डाले,

मैंने देखा ससुर जी आंगन में टहल रहे थे उनको देख कर मेरी चूत मचलने लगी चुदनेके लिए,उनको देख कर मैंने अनदेखा कर दिया और ऐसे कर रही थी जैसे मुझे बहुत नींद आ रही है,

मैंने नाइटी को सामने से खोल दिया और दोनों स्तनों को आज़ाद कर दिया,अंधेरा होने के कारण ससुर जी को अच्छे से दिखाई नही दे रहा था लेकिन उनको पता था के मैं ही उनके सामने खड़ी थी,

मैने फ्रिज को खोला और उसकी लाइट से मेरे दोनो स्तनों को ससुर जी ने देख लिया, देखते ही वो बेकाबू हो गए और मुझे पीछे से गले लगा लिया, मैं शान्त खड़ी थी, ससुर जी मेरे दोनों स्तनों को पीछे से दबाने लगे,

उनका लंड मेरी गांड पर मेहसूस हो रहा था, मैंने अपनी गांड का दबाव उनकी और कर दिया और आह आह दबाओ ससुर जी आह आह ऊं आज मेरा दूध पी लो ससुर जी,मेरे मुंह से कामुक आवाज़ें सुनकर ससुर जी को,

और ज़्यादा जोश आ गया मुझे अपनी तरफ़ पलट कर मेरे दोनों बूब्स को चूसने लगे, मैं भी आह…. आह…. आह ओह ससुर जी आज मेरी चूत की प्यास बुझा दो,वो मेरे दूध को पी रहे थे और मेरी चूत की दरार को भी सहला रहे थे,

उफ़ मेरे बदन में जैसे बिजली सी दौड़ गई, क्यू की उनका एक एक स्पर्श कामुकता से भरा हुआ था,वो मेरे निप्पल को अपने दांतों सा बार बार दबा रहे थे, आज मुझे समझ आया ससुर जी ने कैसे तीन तीन शादियां की थी,

मेरा रोम रोम मचल उठा था,फिर उन्होंने मेरी नाइटी को कांधों के पीछे से नीचे गिरा दी,अब मैं उनके सामने पूरी नंगी खड़ी थी,वो अपने घुटनें पर बैठ गए,

वो मेरे जिस्म के हर हिस्से को चूमते हुए नीचे की ओर जा रहें थे,में नाभी से होते हुए मेरी चूत तक आ पहुंचे, मेरी चूत की होठों को अपनी जुबान से बारी बारी से चाटने लगे, ऊं आह आह ओह ये एहसास मुझे पहली बार हुआ,

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अब ससुर जी चूत के दाने को अपनी जीभ से कुरदने लगे,मुझे बहुत अच्छा लग रहा था,आज मुझे चरम आनंद की प्राप्ति हो रही थी, मैंने ससुर जी के सिर्फ को पकड़ा रखा था,थोड़ा झुक गई और टांगे फैला दी,

इससे मेरी चूत खुल गई और ससुर जी मेरे दाने को निप्पल के जैसे चूसने लगे, मैं भी ससुर जी को अपनी और खींच रही थी के वो मेरी चूत में समा जाएं,अब उन्होंने अपनी जुबान को लम्बा किया और चूत में डालने का प्रयास करने लगे,

मेरे पूरे बदन में एक सनसनी सी होने लगी, मेरा रोम रोम गिला हो गया,मेरे ससुर जी को चूत चाटने का बहुत अनुभव था,उनके चेहरे को पकड़ अपनी चूत पर करने लगी, वो मेरी चूत को अपनी ज़ुबान से चोद रहे थे,

फिर ससुर जी ने मुझे अपनी गोद में बिठाया और लंड के सुबारे को चूत पर रकड़ने लगे, ससुर जी को सभी चीजों का अच्छा अनुभव था के औरतों को कैसे गर्म किया जाता है, अब धीरे धीरे उनका लंड मेरी योनि में दाखिल हुआ,

धीरे धीरे चुदाई शुरु हुई, उनका लंड अभी आधा ही अंदर गया था,जब पूरा लन्ड मेरी चूत में दाखिल हुआ तो मेरे मुंह से उई मां मर गई आह आह चोद डालो ससुर जी मुझे अपनी रण्डी बना लो,

मेरे मुंह से कामुक आवाज़ें सुनकर ससुर जी का लंड और तेज़ी से अन्दर बाहर होने लगा,उनका लंड इतना बड़ा और मोटा था के मेरी तो जान ही निकलने वाली थी, आधी रात को वातावरण में पच पच चट चट की आवाजे घूंज रही थी,

इस उम्र में भी ससुर जी का लंड बहुत दमदार है,अब तक मेरी चूत ने दो बार पानी छोड़ दिया था, लेकिन ससुर जी अभी भी चुदाई जारी किए हुए थे,फिर मैने लंड को बाहर निकाला और थोड़ा साफ किया और मुंह में डाल कर चूसने लगी,मेरी जगह पर ससुर जी खड़े थे,

ससुर जी ने कर मेरे बालों को पकड़ रखा था और मेरे मुंह चोदने लगे,उनके लंड को चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था,मुझे पता ही नही चला के ससुर जी अब झड़ने वाले है, उनका सारा माल मेरे मुंह में ही गिरा दिया,

हम दोनों ही वासना के उस चर्म पर थे के पता ही नही चला कब वो झड़ गए, उसी वासना के जोश में मैंने उनके माल को पी लिया बहुत मज़ा आया आज मेरी चूत शांत हुई,

Note: कहानी सत्या घटना है केवल नाम ओर स्थान बदले हुए हैं…desi adult stories

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