नमस्कार सभी पाठकों को मेरा हीरा लाल हैं,मैं बरेली का रहने वाला हूं, मेरे लिंग का आकार सामान्य से ज़्यादा है,मोटाई 2 इंच है,सभी पाठकों को बताना चाहता हूं,
ये मेरी पहली कहानी हैं,मुझे कहानी लिखने का कोई अनुभव नहीं है अगर कोई गलती हो जाए तो माफ कर देना,अब कहानी पर आते है,मेरी पहली शादी जब हुई तो मैं १८ साल का था,पहला बेटा होते ही मेरी बीवी का दियांत हो गया,
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दूसरे शादी के बाद मेरे दो बच्चे हुए, मैं उस समय एक पॉलिसी कंपनी में काम करता था,बहुत चलना पड़ता था तो मैं देखने में जवान लगता था,पहले बेटे की शादी मैंने २० की उम्र में ही करा दी थी,जिसका नाम आरती था,
वो देखने में बहुत सुंदर थी,उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे,गांड की गोलाई इतनी गदराई हुई के देख कर ही लन्ड अगड़ाई लेने लगे,मैं तो आरती को उसी समय चोदना चाहता था जब उसका हाथ मांगने गए थे, लेकिन फिर मैंने खुद पर किसी तरह काबू किया,
शादी हो जाने के बाद आरती को मैं हर पल निहारता रहता था,वो भी मुझे कई बार देखती थी और हल्का सा मुस्कुरा कर चली जाती थी,उसकी चूचियां इतनी बड़ी थी के ब्लाउज़ से छलकती रहती थी,
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एक बार दोपहर के समय मैं घर जल्दी आ गया, मैंने देखा घर पर केवल आरती थी और वो नहा रही थी,घर पर कोई न होने के कारण वो बेसुध हो कर नहा रही थी,मैं भी बाथरुम के सामने चुपचाप बैठ गया,दरवाज़ा बंद था,
कुछ देर बाद आरती नहा कर बाहर आई,क्या लग रही थी,उसने पेटी और ब्लाउज़ पहन रखा था, ब्लाउज़ का सिर्फ़ ऊपर का बटन बंद था बाकी नीचे से सारे बटन खुले हुए थे,उसकी दोनों चुचियों ब्लाउज़ से बाहर निकली हुई थी,
आरती ने मुझे जैसे ही देखा वो जल्दी से कमरे में चली गई,वो कमरे में चली गई लेकिन मेरी वासना की आग को और बढ़ा गई, उसी शाम को मैंने देखा आरती मुझ से नज़र चुराने के बजाय मुझे अलग नजर से देखने लगी,
अब मुझे उसकी नजरों में हवस दिखने लगी थी, सिग्नल पूरी तरफ से ग्रीन नहीं था लेकिन इशारा जरूर मिलने लगा था,फिर कुछ दिन ऐसे ही बीत गए,आरती अपने माइके जाना चाहती थी तो मेरे बेटे ने उसे माइके छोड़ दिया,
तक़रीबन बीस पच्चीस दिनों बाद मेरे बेटे ने कहा आप आरती को ले आना मुझे जरूरी काम है, मैं भी खुश हो गया ठीक है इसी बहाने आरती को छूने का बहाना मिल जाएगा,मैं शाम के समय अपनी मोटरसाइकिल पर जाने लगा,
मौसम भी ठीक नहीं थी लेकिन मैंने सोचा आरती के घर पहुंच जाऊ फिर चाहे बारिश आ जाए,कुछ समय बाद उसके घर पहुंच गया,सब ने आव भक्त की आरती मुझे देख कर मुस्कुराई और मेरी ओर आने लगी,
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आते समय अपने पल्लू को चुचियों के ऊपर से हटा दिया,अब उसकी छाती की गहराई साफ दिखाई दे रही थी,वो झुक कर मेरे पैर को छूने लगी साथ हो अपनी चूचियां भी मुझे दिखा रही थी,इतने में सब लोग अंदर चले गए,
लेकिन आरती मेरे पैरों पर स्पर्श कर रही थी,फिर उठते समय वो मेरे लन्ड को अपने सिर से सहलाते हुए उठने लगी, मुझ से भी रहा नही गया,मैंने भी बाजुओं को पकड़ा और दोनों बूब्स को दबा दिया,उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की,
फिर मैंने दोबारा से दबाया तो बोली यहां नहीं अंदर चलो कोई देख लेगा, मैं समझ गया,आज मुझे इसकी चूत मिल जाएगी,कुछ समय बाद बरसात शुरू हो गई,मेरी समधन बोली आप आज यही रुकिए कल सुबह आरती को ले जाना,मैंने कहा अच्छी बात है जैसे आप कहे,
रात का खाना खाने के बाद मैं अकेला कमरे में सो रहा था जो आरती के कमरे के पास था,रात को करीब १२ बजे मुझे आरती पानी देने के लिए आई,उसने कुछ नहीं पहना था केवल एक नाइटी पहनी हुई थी,
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आते ही उसने मेरे लन्ड को पकड़ लिया और सहलाने लगी, सहलाते हुए बोलने लगी इतने दिनों से इस लन्ड को लेना चाहती थी,आज मेरी किस्मत खुल जाएगी,फिर उसने मेरे पजामे में हाथ डाल दिया, मैंने उसे अपने ऊपर लिटा लिया,
उसके होठों को चूमने लगा और उसके रसीले बूब्स को दबाने लगा,एक दम नरम कोमल उसके बूब्स थे, मैं एक हाथ से दबा रहा था लिए मेरे हाथों में नहीं आ रहा था,वो सिसकारियों लेने लगी, ह्यूम ऊंह हम्म्म आहा करने लगी,फिर मैंने उसकी चूत टटोलने लगा,
आरती गीली हो चुकी थी, उसके चूत के दाने को अपनी ऊंगली से कुरेदने लगा,वो मचल सी गई और लंबी लंबी सांसे लेने लगी,फिर उसने मेरे पजामे को खुद ही निकाल फेंका और मेरे लन्ड को खुद ही अपनी चूत में डाल लिया,
मैं वही अपनी जगह पर लेता था, उसने लन्ड को चूत के मुहाने पर रखा और झटके मारने लगी, वो दर्द से अहा अहा ऊंह हम्म्म करने लगी और अपनी जुबान से होठों को काटने लगी,उसको चर्म आनंद प्राप्त हो रहा था,
कुछ समय चुदाई होने के बाद मैंने उसको उठाया और दोनो टांगो को अपने कंधों पर रख कर उसकी चुदाई करने लगा,वो मेरे बालों में अपने हाथ को फेर रही थी, मुझे भी बहुत मजा आ रहा था,अपनी जवान बहू की चुदाई करते हुए,
झटके मरते समय उसके चुचियों को दबा रहा था, फिर थोड़ी देर चुदाई करने के बाद मेरा झड़ने लगा, मैंने सारा माल आरती की चूत में ही गिरा दिया, आरती भी संतुष्ट हो चुकी थी,फिर जाते समय उसने मुझे चूमा और सोने चली गई, कहानी को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद….
Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories