सविता भाभी पड़ोस वाली indiasex stories

हैलो दोस्तों मेरा नाम राहुल (बदला हुआ नाम) है और मैं उत्तर प्रदेश (बदला हुआ स्थान) का रहने वाला हूं, मेरे लिंग का आकार 6.2, इंच और मोटाई 2 इंच की है,

हैलो दोस्तों मेरा नाम राहुल (बदला हुआ नाम) है और मैं उत्तर प्रदेश (बदला हुआ स्थान) का रहने वाला हूं, मेरे लिंग का आकार 6.2, इंच और मोटाई 2 इंच की है, मैं देखने मैं एवरेज हूं,

ये कहानी तीन साल पहले की है,मेरे पड़ोस में रहने वाली भाभी की है जिसका नाम सविता है, उनका फिगर 36 के बूब्स 30 की कमर और गांड 36 की है,रंग गोरा बाल इतने लंबे के उनके कूल्हों को छूते थे,

ज्यादा समय न लेते हुए कहानी पर आते है, सर्दियों के दिन थे हम सभी छत पर धूप सेकते थे, सविता भाभी की छत और मेरे घर की छत दोनो जुड़ी हुई थी, बस एक छोटी सी दीवार थी बीच में,

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एक दिन मैं सुबह जल्दी आ कर छत पर बैठ गया और फोन देख रहा था, उसी समय सविता भाभी भी आ गई और बैठ कर मुझे देख रही थी,जैसे उनको मेरी मदद चाहिए, मैं भी उनको तिरछी नजरों से देख रहा था,

तभी सविता भाभी ने मुझे पुकारा राहुल अगर फ्री हो तो इधर आना, मैं दीवार के पास जाकर खड़ा हो गया, सविता भाभी दूसरी तरफ से दीवार के पास खड़ी हो गई, उस समय सविता भाभी ने साड़ी पहनी हुई थी,

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प्रिंटिड जिस पर फूल पत्तीयां थी और बहुत ही पतली साड़ी थी,उनका ब्लाउज़ इतना दीप गले वाला था के अगर पल्लू गिर तो उनके स्तनों के दर्शन कोई भी कर ले,साथ में उनकी नाभि साफ साफ दिखाई दे रही थी,

सविता भाभी ने मुझे उनका फोन दिखाया और बोलने लगी ज़रा देखो इस में कुछ प्रॉब्लम है शायद, मैं उनका फोन चेक करने लगा, दीवार ज्यादा ऊंची नही थी,इस लिए सविता भाभी आसानी से फ़ोन को देख पा रही थी, वो मेरे बहुत नज़दीक खड़ी हुई थी,

तभी मेरी कोहनी पर उनका बूब्स छूने लगा,शायद सविता भाभी को पता नही था, मैं धीरे धीरे कोहनी से उनके स्तनों पर दबाव देने लगा, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था,मेरा लन्ड पैंट के अन्दर अंगड़ाई लेने लगा,

फोन को देखते हुए अब सविता भाभी को भी मेहसूस होने लगा के उनके बूब्स के ऊपर मेरी कोहनी लगी हुई हैं लेकिन पीछे जाने के बजाए भाभी मेरी तरफ थोड़ा ओर आ गई, सविता भाभी ने भी मेरी पैंट का उभार देख लिया,

वो हल्का सा मुस्कुराई और पूछने लगी क्या प्रॉब्लम है फोन में जल्दी करो मुझे देर हो रही है, मैंने कहा हां भाभी बस हो गया,फिर भाभी ने मुझे से पूछा तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है, मैंने कहा नहीं भाभी अभी तक तो कोई नही है,

मैंने भी नोटिस किया सविता भाभी बार बार नीचे देख कर बात कर रही थी,वो जैसे जैसे बातें कर रही थी वैसे वैसे मेरा लन्ड खड़ा होता जा रहा था, मैंने जैसे ही बताया के मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है भाभी की आंखों में चमक सी आ गईं,

फिर फोन लेकर चली गई और जाते समय बोल गई के अगर कुछ प्रॉब्लम हुई तो मैं सुबह फिर चेक करवा लुंगी तुम से,फिर मैं भी सोच में पढ़ गया के ये सविता भाभी ऐसा क्यों बोल कर गई,

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फिर दो दिन बाद पड़ोस के घर में शादी थी, सभी लोग शादी में व्यस्त थे, मैं भी शादी में ही था लेकिन सविता भाभी नही दिख रही थी, करीब दस बजे सविता भाभी शादी में आई,

काले रंग की चम चमाती हुई साड़ी पहन कर क्या गज़ब लग रही थी, सविता भाभी का रंग गोरा था और ऊपर से साड़ी भी काले रंग की सब से अलग लग रही थी, मैं कुछ देर उनको देखता रहा और फिर मौका पा कर उनके पास चला गया,

पास जा कर बोला भाभी आप तो बहुत खूबसूरत लग रही हो बिजलियां गिरा रही हो,सविता भाभी खुश हो कर बोली,अच्छा ज़रा बच के रहना बिजली तुम पर भी गिर सकती है,

मुझे उनकी आंखों में हवस नजर आ रही थी,मैने भी सोच लिया आज तो सविता भाभी की चूत को चखना ही है,फिर कुछ देर बाद सब लोग शादी में व्यस्त हो गए जैसे भाभी का पति और उनके बाकी के घर वाले,

मैं फिर से भाभी के पास गया और बोला भाभी आप से कुछ बात करनी है जरा ऊपर छत पर आना,इतना बोल कर मैं छत पर सविता भाभी का इंतजार करने लगा,बहुत देर इंतजार करने के बाद,

भाभी ऊपर आई और बोली हां बताओ इतनी रात को तुमको क्या बात करनी है, मैंने कहा सविता भाभी आप को किस करना चाहता हूं,तो बोली अच्छा तो करो रोका किसने है,इतना सुनते ही मैंने भाभी के होठों को चूमना शुरु किया,

हम्म्म उमचक अहा अहा भाभी के होठ तो बहुत मस्त है,भाभी ने मुझे बोला बात मत करो जो कर रहे हो करते रहो,उनके होठों अपनी जीभ से चाटते हुए चूम रहा था,भाभी गर्म हो गई, उन्होंने अपनी साड़ी निकाल दी,

सिर्फ ब्लाउज़ और पेटी कोट में थी,मैने उनको चूमते हुए ब्लाउज़ के बटन खोलने लगा,भाभी ने काले रंग ब्रा पहनी हुई थी, उनकी जुबान को अपने मुंह में डाल कर चूस रहा था,मेरा लन्ड एक दम तन चुका था,भाभी अपने हाथों से मेरे लन्ड को सेहला रही थी,

फिर भाभी नीचे अपने घुटनो पर बैठ गई और मेरी पैंट को नीचे कर खुद ही मेरे लन्ड को सहलाने लगी और बोली इसे कब से लेने सोच रही थी आज मोका मिला और मुंह में डाल कर मुझे चर्म आनंद देने लगी,

मैं उनके बालों को पकड़े हुए उनके मुंह को चोदने लगा,भाभी बहुत ही अच्छे तरीके से मेरे लन्ड को चूस रही थी,कभी अपनी ज़ुबान से चाटती तो कभी मेरे अंडकोष मुंह में डालती, मैं तो सातवें आसमान में था,

फिर मैंने सविता भाभी को दीवार पर बिठाया और उनकी पैंटी निकाल कर दोनो टांगो को अपने कांधे पर रख उनकी चूत चाटने लगा,क्या मस्त चूत है, चूत पर एक भी बाल नही था, मैं कभी उनके दाने को अपनी ज़ुबान से रगड़ता तो कभी उनकी दरारों को चूमता,

सविता भाभी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी, भाभी के मुंह से आह आह उह ऊंह हम्मम बस करो अब लन्ड डाल दो,इस तरह को आवाजे आने लगीं,फिर मैंने भाभी को नीचे उतारा और अपने लन्ड पर बिठाया और धीरे धीरे उनकी चूत में दाखिल किया,

भाभी बोलने लगी आह उह ऊंह इतना मोटा,फिर मैंने लन्ड को अंदर बाहर करना शुरु किया, अहान उहुं चोद डालो मुझे,सविता भाभी इतना गर्म हो चुकी थी के सर्दी में उनको गर्मी लग रही थी,

फिर मैंने भाभी को आगे झुकने के लिए बोला और पीछे से लन्ड को पेलना शुरू किया,पट पट चट चट की आवाजे आ रही थी,मेरे सुपाड़े को चूत में रकड़ कर डाल रहा था,फिर मैंने तेज़ी से लन्ड को अन्दर बाहर किया,

फिर सविता भाभी बोली बस करो में थक गई हूं,मैं कहा भाभी थोड़ी देर और मैं उनके बूब्स दबाने लगा,फिर भाभी शांत हो गई,अब तक भाभी दूसरी बार झड़ चुकी थी,फिर मेरा भी माल निकल गया,

सारा माल मैने भाभी की पीठ और कूल्हों पर गिरा दिया, उसके बाद हम चुप चाप शादी में फिर से शामिल हो गए, उसके बाद मुझे जब भी मौका मिला मैंने सविता भाभी की प्यास बुझाई है….

Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories

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