हेलो दोस्तों मेरा सूरज हैं और मेरे लिंग का साइज़ 8 इंच का है आज मैं आप को मेरी सौतेली मां के साथ हुई चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूं,
मेरे पिता ने दूसरी शादी की थी, उस समय मेरी उम्र 15 साल थी लेकीन मुझे सब पता था, चूत ओर चुदाई के बारे में,
मेरी सौतेली मां का नाम चांदनी था, वो देखने में बहुत हॉट थीं कोई अगर उसे देख ले तो अपने लंड को सहलाए बिना नही रह सकता था, वो हमेशा साड़ी पहनती थी जिसमें उसके दोनो कूल्हे की बीच की दरार में साड़ी फस जाती थी, क्यू की गांड बहुत बड़ी बड़ी थी,
मैने भी कई बार चांदनी के बड़ी बड़ी चूचियां को देख कर मुठ मारी है जब भी वो नहाने जाती थी, मैं छुप कर देखता था, फिर कुछ समय ऐसे ही बीत गया,
एक दिन मेरे पिता को किसी काम के सिलसिले में शहर से बाहर जाना पड़ा ,घर पर केवल मैं और चांदनी रह गए थे, उस दिन रविवार की दोपहर को चांदनी घर के काम करके बैठी थी, मुझे बुलाया और बोली मेरी पीठ पर जांडू बालम लगा दे,
वो बेड पर उल्टा लेट गई और मैं उसके पास बैठ कर कर बालम लगाने लगा,उसकी ब्रा दिखाए दे रही थी, मैं धीरे धीरे पीठ पर बालम लगाते हुए दूसरे हाथ को गांड पर रख कर दबा रहा था,मेरा लंड पेंट में सलामी दे रहा था,फिर में धीरे धीरे मालिश करते हुऐ हाथ को साड़ी के नीचे डाल रहा था,
लेकीन पेटीकोट का नाड़ा बहुत कसा हुए था इस लिए हाथ अंदर की और नही जा रहा था, मैं कहा नीचे तक मालिश कर दू अगर आप पेटीकोट को थोड़ा ढीला कर दो तो, चांदनी ने झट से पेटीकोट के नाड़े को ढीला कर दिया,
अब साड़ी खुल गई थी मगर वो लेटी हुई थी इस लिए साड़ी अपनी जगह पर थी फिर मैंने मालिश करते हुए हाथ को नीचे ले गया अब मेरा हाथ कुल्हों को छू रहा था, फिर मैंने धीरे से साड़ी को नीचे कर दिया अब दोनो कुल्हों के बीच की दरार दिखने लगी,
शायद चांदनी भी जानती थी के मैं क्या करने वाला हू इस लिए मैंने जो भी बोला वो चुपचाप मेरी बात मानती गई,अब मैंने अपना हाथ कुल्हों के आधे हिस्से पर फेरने लगा और कुछ इस तरह से सहलाने लगा के वो गर्म हो जाए,मैने मेहसूस किया वो लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी थी,
अब मैंने जल्दी से साड़ी की थोड़ा और नीचे की तरफ खिसका दिया दोनो गांड साफ साफ दिखाई देने लगी,मैने दोनो हाथों से गांड की मालिश करने लगा अब वो पूरा गर्म हो चुकी थी,
फिर वो मेरी तरफ पलट गई और बिना कुछ बोले ब्लाउज़ के बटन खोलते हुए इशारे में कहा के चुचियों को भी मालिश करो, मैं थोड़ा मुस्कुराया और दोनो बूब्स को मालिश करने लगा, चांदनी के मुंह से “अहान अहूं ऊंह हां” आवाजे निकलने लगी,
चूंचियों को मसलते हुए मैने दूसरा हाथ चूत की तरफ ले गया और चूत की दरार को सहलाने लगा, अब चांदनी की दोनों आंखे बंद हो गई थी, क्यों की अब उसकी चूत लंड मांगने लगी थी, मैंने बिना कुछ बोले अपना खड़ा लंड चूत में डाल दिया,
इतना बड़ा लंड अंदर गया था तो पहले तो वो चिला उठी फिर बाद में मजे लेने लगी, मैं उसके ऊपर लेट कर चुदाई करने लगा, दोनो बूब्स मेरे मुंह से टकरा रहें थे,फिर चांदनी बैठ गई और मुझे भी उसी तरह बैठा लिया, अब बैठ कर ही मैं उससे चोदने लगा और दोनो बूब्स दबाने लगा,
फिर मैं झड़ गया मेरा माल चांदनी की चूत में ही निकाल दिया फिर चांदनी उठने लगी तो माल चूत से टपकाने लगा, मैं भी उठ कर वहां से चला गया…
Note: कहानी सत्या घटना है केवल नाम ओर स्थान बदले हुए हैं…desi adult stories