उंगली से मेरी चूत की गिराई नापने लगा और अपनी उंगली को अंदर बाहर करने लगा, मैं पहले से ही तड़प रही थी वो मुझे ओर तड़पाने लगा, ..
अब कई महीने ऐसे ही बीत गए बिना चुदाई के मुझे अब लन्ड को प्यास लगने लगी,मेरा भी राहुल को देखने का नज़रिया बदल गया,अब उसका छूना मुझे भी
उनके जिस्म को मैं देख ही रहा था के भाभी को भी पता चला के मैं उनको देख रहा हूं,भाभी ने मुझे बरांडे में बिठाया और कमरे की तरफ जाने लगी
मैं मल्लू के घुटने पर बर्फ लगा रहा था मल्लू मुझे बार बार बोल रही थी के रहने दो चाय ज़्यादा गर्म नहीं थी कुछ नहीं हुआ,लेकिन फिर भी मैं बर्फ़ लगा रहा
मैंने उसके पल्लू को खींचा और उसके बूब्स को दबाने लगा,वो अहान आहान ओह सर जी मज़ा आ रहा है करते रहिए बोलने लगी, मैंने उसकी टांगो के बीच...
मैं बिना कुछ पहने सिर्फ एक लॉन्ग टीशर्ट में किचेन में गई,राजीव पहले से ही किचेन में खड़ा था और उसका लन्ड भी खड़ा था,मुझे देख कर राजीव ने मुझे
जब मैं अकेली रहती तो ऐसे कपड़े पहनती के मेरे बदन का हर हिस्सा साफ दिखाई दे,मेरी मां हर दिन राजीव से थोड़ा देरी से आती थी
इतना बोल कर भाभी ने अपनी साड़ी उठानी शुरू कर दी उनकी गोरी गोरी टांगे देख कर मैं अपने आपे से बाहर हो गया और उनकी टांगो को चूमते हुए उनकी जांघों ..
मैं लन्ड को सहला रहा था तभी मैंने देखा मेरी अम्मी दरवाज़े के पास खड़ी थी, मैं घबरा गया और जल्दी से शॉर्ट्स को ऊपर कर लिया,अम्मी कुछ नहीं बोली चुप चाप चली गई
मैं लन्ड को सहला रहा था तभी मैंने देखा मेरी अम्मी दरवाज़े के पास खड़ी थी, मैं घबरा गया और जल्दी से शॉर्ट्स को ऊपर कर लिया,अम्मी कुछ नहीं बोली चुप चाप चली गई