मैं बिना कुछ पहने सिर्फ एक लॉन्ग टीशर्ट में किचेन में गई,राजीव पहले से ही किचेन में खड़ा था और उसका लन्ड भी खड़ा था,मुझे देख कर राजीव ने मुझे
जब मैं अकेली रहती तो ऐसे कपड़े पहनती के मेरे बदन का हर हिस्सा साफ दिखाई दे,मेरी मां हर दिन राजीव से थोड़ा देरी से आती थी
इतना बोल कर भाभी ने अपनी साड़ी उठानी शुरू कर दी उनकी गोरी गोरी टांगे देख कर मैं अपने आपे से बाहर हो गया और उनकी टांगो को चूमते हुए उनकी जांघों ..
मैं लन्ड को सहला रहा था तभी मैंने देखा मेरी अम्मी दरवाज़े के पास खड़ी थी, मैं घबरा गया और जल्दी से शॉर्ट्स को ऊपर कर लिया,अम्मी कुछ नहीं बोली चुप चाप चली गई
मैं लन्ड को सहला रहा था तभी मैंने देखा मेरी अम्मी दरवाज़े के पास खड़ी थी, मैं घबरा गया और जल्दी से शॉर्ट्स को ऊपर कर लिया,अम्मी कुछ नहीं बोली चुप चाप चली गई
फिर मुझ से रहा नहीं गया मैं उनके सामने खड़ी हो गई,वो मेरे बदन को हवस भरी नजरों से देखने लगे,फिर अचानक से बाथरूम में चले गए,शायद मुठ मारने गए थे
वो देखने में बहुत सुंदर थी,उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे,गांड की गोलाई इतनी गदराई हुई के देख कर ही लन्ड अगड़ाई लेने लगे,मैं तो आरती को उसी समय चोदना चाहता था
मंजू हमेशा साड़ी पहनती थी वो भी दीप ब्लाउज़ के साथ,काम करते समय मंजू का पल्लू गिरता तो उनके बूब्स के दर्शन हो जाते थे
तभी उनकी नियत फिसली हुई है,किसी न किसी बहाने से मेरी गांड को छू लेते या फिर हाथ फेर देते है,मैने भी कभी कुछ नहीं बोला क्योंकि मैं भी मज़े लेती थी
मैं चुदाई के लिए तड़पने लगी,बात आज से सात पहले की है,जब मेरे पति के बुआ का लड़का गर्मियों की छुट्टियां बिताने आया,जब से उसे देखा