मेरा नाम अशोक है और मैं मुंबई का रहने वाला हूं, मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है, दोस्तो मैं अपने जीवन सत्या घटना बताने जा रहा हू, मैंने कभी नही सोचा था के मैं अपनी कहानी यहां बता पाऊंगा,
लेकीन Fantasy Stories पर Stories पढ़ कर मुझे भी अपने पुराने दिन याद आ गए, उस समय मैं दसवीं पढ़ा करता था, पढ़ाई में सभी कमज़ोर होते है मैं भी था,तो मां बाप ने ट्यूशन भेजने लगी,
ट्यूशन टीचर का नाम रेखा था और उनकी बहन भी थी जिसका नाम महक था,दोनो के बूब्स मुझे बहुत अच्छे लगते थे,रेखा का तो मैं दीवाना बन गया था, क्योंकि रेखा बहुत हॉट थीं, बूब्स 40 कमर 30 और गांड 40 थी,
रेखा हमेशा मुझ से हसी मज़ाक किया करती थी, लेकिन महक थोड़ी खड़ूस थी, वो मुझे ज़्यादा पसंद नही करती थी,क्यू की मैं हमेशा उनका मज़ाक उड़ाया करता था, मैं और मेरे दोस्त साथ में ही ट्यूशन जाया करते थे,
एक दिन की बात है महक घर पर नही थी, मैं रेखा मैडम को पुकारते हुए अंदर गया,अंदर से आवाज़ आई वही बैठ जाओ मैं अति हूं, शायद रेखा कपडे पहन रही थी, मैंने सोचा वैसे भी कोई नही है,
मैं दरवाज़े के पास जा कर keyhole देखने लगा,रेखा बिना कपडे पहने पूरी नंगी खड़ी हुई थी और आईने में देखकर मुस्कुरा रही थी, मैने पहली बार किसी लड़की को बिना कपड़े देखा था,
रेखा की गांड पीछे से ठीक प्रीति जिंटा के जैसे लग रही थी,अगर किसी को पता होगा तो समझ जाएगा क्यों कि उस समय एक वीडियो लीक हुई थी जिसमे प्रीति जिंटा बिना कपड़ो के थी,
मेरा लंड पूरा तन चुका था, तभी रेखा मेरी और घूमी कपडे उठाने के लिए, इतनी बड़ी बड़ी चूचियां सफेद जैसे दूध और निप्पल का रंग गुलाबी क्या मस्त चूचियां थी, मन कर रहा था अभी अंदर जा कर दोनो का दूध पी लूं,
लेकिन किसी तरह मैंने खुद को संभाला और अपनी जगह पर बैठ गया कुछ देर बाद रेखा बाहर आ गई और मुझे बोला किताब खोलो मैंने किताब खोल कर बैठ गया लेकिन मेरे दिमाग में तो रेखा घूम रही थी,
थोड़ी देर बाद मैं बहाने से बॉथरूम में गया और रेखा के नाम की मुठ मार कर बाहर आया, कुछ दिन ऐसे ही बीत गए, रविवार को मुझे दो बार ट्यूशन के लिए जाना पड़ता था,कुछ लड़कियां भी अति थी, पढ़ने के लिए जिनको मैं भाव नही देता था,
ये बात रेखा को पता चली तो एक दिन मुझ से पूछने लगी, अशोक एक बात बताओ,
मैं: हां पूछो
रेखा: तुम सभी लड़कियों से गुस्से में क्यू बात करते हो
मैं: नही ऐसा तो कुछ भी नही है
रेखा: मुझ से झूठ मत बोलो मैंने कई बार देखा है
मैं: सॉरी माफ कर दीजिए मैं किसी से बात नही करता फिर भी वो सभी मुझ से जान बूझ कर बात करती है
रेखा: अच्छा चलो ठीक है तुम मेरे पास बैठा करो
उस दिन से मैं रेखा की कुर्सी के पास ही बैठने लगा, अब से कुछ भी समझाने के लिए रेखा मेरी किताब को अपने जांघों को पर रखने लगी, मैंने कई बार जांघों पर हाथ भी लगाया,
एक दिन मैं रेखा के पास बैठा हुआ था, तभी मैंने एक सवाल पूछा के इसका क्या मतलब है समझ में नही आ रहा, मेरा हाथ रेखा के जांघों के ऊपर था, या यूं कहूं मेरी कोहनी जांघों पर थी, रेखा थोड़ा झुकी और दाईं चूंची मेरी कोहनी के ऊपर आ गई,
वो स्पर्श उस दिन का एहसास मुझे आज भी याद है मखमल जैसी नरम मुलायम क्या बूब्स थे,रेखा मेरे सवाल का जवाब दे रही थी और मैं स्वर्ग पहुंच गया,तभी रेखा को भी पता चल गया के उनका स्तन मेरे कोहनी के ऊपर है,
रेखा ने मेरी ओर अजीब नजर से देखा मैने भी सोचा यह मोका ऐसे ही जाने नही दूंगा, कोहनी को थोड़ा आगे पीछे किया, अब रेखा के मुंह से एक शब्द नही निकल रहा वो तो बस गहरी गहरी सांसे लेने लगी,
अब वो पूरी तरह गरम हो गई, मैंने फिर से कोहनी को थोड़ा आगे की ओर कर दिया, अचानक से रेखा उठ कर कमरे में चली गई, मुझे कुछ समझ नही आया, इतने में अंदर से रेखा ने मुझे बुलाया, मैं डर गया के आज मेरी शामत आ गई,
अंदर जा कर मैंने जी मैम आप ने बुलाया,बोलती हां बुलाया है बैठो मैं बैठ गया, तुम्हारी वजह से मुझे दर्द हो रहा है मैंने पूछा मैम कहा दर्द हो रहा है मैं कुछ समझा नहीं, रेखा ने अपने कपड़े को ऊपर किया और बूब्स दिखा कर बोलने लगी देखो यहां पर दर्द हो रहा है,
मैं झट से रेखा के साथ लिपट गया और बूब्स को हाथ से सेहलाने लगा, इतने खूबसूरत दूध मैने पहले कभी नही देखे थे, सेहलाते हुऐ होठों से चूसने लगा,रेखा अब सिसकारियां लेने लगी हन्हा हनहा ऊं ऊंह ऊं ऊंह,
तभी बाहर से महक ने रेखा को बुलाया उसे कोई काम तो नही था यूंही बुलाया लगता है उसे हम दोनो पर शक हो गया, फिर अगले दिन जब मैं ट्यूशन को गया तो पता चला रेखा अपने मौसी के घर गई दूसरे शहर,
कई दिन हो गए थे उसके बाद से मैंने रेखा को कभी भी देखा,फिर मैं भी अपने जीवन में व्यस्त हो गया…
अब आप भी हमें अपनी कहानी भेज सकते हैं आप को पहचान को गुप्त रखा जायेगा..
Note: कहानी सत्या घटना है केवल स्थान और नाम बदले हुए हैं…indiasex stories